Chor Panchak 2024: वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की चाल और नक्षत्रों में बदलाव के बीच कई बार ऐसा समय आता है, जिसमें शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है. इस समय में शुभ कार्य करने पर अशुभ प्रभाव पड़ता है. यह व्यक्ति के लिए बेहद भारी होते हैं. साथ ही मनचाहा फल भी प्राप्त नहीं होता है. इसी को लेकर ज्योतिष में चोर पंचक (Chor Panchak) के विषय में बताया गया है. चोर पंचक ग्रहों और नक्षत्रों से ही बनने वाली एक स्थिति है. इसमें शुभ कार्यों के करने की मनाही होती है. इसकी शुरुआत 5 अप्रैल 2024 से होगी. इस नक्षत्र में भूलकर भी कुछ काम नहीं किये जाने चाहिए. आइए जानते हैं क्या है चोर पंचक और इसमें क्या काम नहीं करने चाहिए...
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5 नक्षत्रों के समूह से बनात है चोर पंचक
चंद्रमा गोचर में जब कुंभ और मीन राशि में विराजमान होता है. तब यह समय पंचक (Panchak) का माना जाता है. यह समय 5 दिनों के लिए होता है. चोर पंचक में 5 पंचक आते हैं इनमें धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र शामिल है. 5 दिनों तक भूलकर भी 5 काम नहीं करने चाहिए. इस बार चोर पंचक की शुरुआत 5 अप्रैल से होने जा रही है. आइए जानते हैं इसमें कौन से 5 काम नहीं करने चाहिए...
चोर पंचक में नहीं करने चाहिए ये 5 काम
-चोर पंचक के दौरान भूलकर भी चारपाई नहीं बनवानी चाहिए. इसका अशुभ प्रभाव व्यक्ति के भाग्य और कर्म पर पड़ता है. यह संकटों को बुलावा देता है.
-5 दिनों के पंचकों के दौरान लकड़ी, घास, तेल से लेकर अन्य जलने वाली चीजें एकत्र नहीं करनी चाहिए. इससे आग लगने का डर रहता है. किसी अप्रिय घटना होने की संभावना पैदा होती है.
-दक्षिण दिशा में पंचकों के दौरान यात्रा करने से हानि हो सकती है. यह दिशा यम और पितरों की मानी जाती है. इसलिए इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की तरफ यात्रा करना हानि दे सकता है.
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-पंचक के दौरान घर की छत का निर्माण नहीं कराना चाहिए. ज्योतिष के अनुसार, ऐसा करने से घर में क्लेश और धन की किल्लत बढ़ती है.
-पंचक के दौरान शय्या का निर्माण नहीं करना चाहिए. यह अशुभ होता है.
पंचक काल में मृत्यु होना भी है अशुभ
शास्त्रों के अनुसार, पंचक काल में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होना अशुभ माना गया है. इसकी पीछे की मान्यता है कि जिस भी व्यक्ति की मृत्यु पंचक काल में हुई है तो उसके परिवार, कुल, रिश्तेदारी या किसी करीबी के यहां जन हानि होने की संभावना बढ़ जाती है. इससे बचने के लिए मृतक के शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश के बनाकर रखने से यह दोष खत्म हो जाता है. ऐसा करके जनहानि से बचा जा सकता है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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