Dasha Mata Vrat 2023: आज रखा जाएगा दशा माता व्रत, जानें पूजा विधि और व्रत कथा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 17, 2023, 06:52 AM IST

दशा माता व्रत

Dasha Mata Vrat 2023: दशा माता की पूजा करने से जातक के घर परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सभी परेशानियां व कष्ट दूर हो जाते हैं.

डीएनए हिंदी: आज शुक्रवार, 17 मार्च को दशा माता का व्रत (Dasha Mata Vrat 2023) रखा जाएगा. दशा माता का व्रत (Dasha Mata Vrat 2023) चैत्र माह की कृष्ण पक्ष दशमी तिथि को रखा जाता है. दशा माता मां पार्वती का ही स्वरूप है. चैत्र माह की कृष्ण पक्ष तिथि को दशा माता की पूजा (Dasha Mata Puja) करने से जातक के घर परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सभी परेशानियां व कष्ट दूर हो जाते हैं. दशा माता पूजन के दिन त्रिवेणी वृक्षों यानि तीन वृक्षों पीपल, नीम, और बरगद की पूजा करने का विधान है. तो चलिए आज हम आपको दशा माता की पूजा (Dasha Mata Puja) विधि और कथा के बारे में बताते हैं.

दशा माता व्रत पूजा विधि (Dasha Mata Puja Vidhi 2023)
- दशा माता के पूजन के लिए आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए. सुबह स्नान आदि के बाद व्रत और पूजा का संकल्प लें. 
- दशा व्रत के दिन आपको पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु का स्वरूप मानकर पूजा करनी चाहिए. आपको कच्चे सूत में 10 गांठ लगाकर इसकी पूजा करनी चाहिए.
- महिलाएं पूजन के बाद इस डोरे को गले में बांधती हैं. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती हैं.
- आपको पीपल के पीपल के पेड़ की परिक्रमा करते हुए भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए. पीपल के वृक्ष की 10 परिक्रमा करनी चाहिए.
- इसके बाद वृक्ष के नीचे दीपक प्रज्वलित करें और अबीर गुलाल, कुमकुम, चावल आदि चीजों को अर्पित करें. 
- दशा माता के व्रत पर दिन में एक बार बिना नमक के भोजन का सेवन करना चाहिए. सुहागिन महिलाएं घर की दशा सुधारने के लिए दशा माता का व्रत करती हैं.
- दशा माता के पूजन के बाद दशा माता की आरती जरूर करनी चाहिए.

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दशा माता की आरती
आरती श्री दशा माता की
जय सत-चित्त आनंद दाता की
भय भंजनि अरु दशा सुधारिणी
पाप -ताप-कलि कलुष विदारणी
शुभ्र लोक में सदा विहारणी
जय पालिनी दिन जनन की
आरती श्री दशा माता की

अखिल विश्व- आनंद विधायिनी
मंगलमयी सुमंगल दायिनी
जय पावन प्रेम प्रदायिनी
अमिय-राग-रस रंगरली की
आरती श्री दशा माता की

नित्यानंद भयो आह्लादिनी
आनंद घन आनंद प्रसाधिनी
रसमयि रसमय मन- उन्मादिनी
सरस कमलिनी विष्णुआली की
आरती श्री दशा माता की

दशा माता व्रत कथा (Dasha Mata Vrat Katha 2023)
एक बार नल नाम के पराक्रमी राजा ने अपनी पत्नी दमयंती के गले से दशा माता का डोरा निकालकर फेंक दिया था. इसके बाद दशा माता ने राजा नल को सपने में बुढ़िया के रूप में दर्शन देकर कहा था कि “तेरा अच्छा समय जा रहा है और बुरा समय आ रहा है, क्योंकि तूने मेरा अपमान किया है” अपनी इसी गलती की वजह से राजा को जंगलों में भटकना पड़ा था. राजा और उनकी पत्नी इधर-उधर भटकने लगे थे. तभी एक दिन राजा को सपने में वहीं बुढ़िया आई. राजा नल ने अपनी भूल की क्षमा मांगी और दशा माता की पूजा करने का वचन दिया. बुढ़िया के बताएं पूजन विधि से पूजा के बाद ही राजा की दशा में सुधार आया था.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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