Dussehra Puja 2023: इस अनोखे मंदिर में होती है रावण की पूजा, साल में एक ही दिन खुलता है कपाट

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 23, 2023, 11:15 AM IST

इस अनोखे मंदिर में होती है रावण की पूजा, साल में एक ही दिन खुलता है कपाट

Ravan Mandir In Kanpur: दशहरा या विजयादशमी के दिन इस मंदिर में रावण की पूजा की जाती है और इस दौरान सुबह से शाम तक साधक यहां रावण के दर्शन के लिए आते रहते हैं.

डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म का खास पर्व दशहरा या विजयादशमी का त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल दशहरा 24 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा. शास्त्रों के अनुसार, विजयादशमी यानि दशहरा पर्व रावण नामक राक्षस पर भगवान श्री राम की विजय के रूप में मनाया जाता है. इसके अलावा विजयादशमी को महिषासुर नामक दानव पर देवी दुर्गा की विजय के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में रावण का पुतला (Ravan Mandir) जलाया जाता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं? देश में ही एक ऐसी जगह है, जहां रावण की पूजा की जाती है. यह रावण मंदिर केवल विशेष तिथियों पर खुलता है और इस दौरान सुबह से शाम तक साधक यहां रावण के दर्शन के लिए आते रहते हैं. आइए जानते हैं कहां है ये मंदिर...

उत्तर प्रदेश के कानपुर में है रावण का मंदिर (Ravan Mandir In Kanpur) 

उत्तर प्रदेश के कानपुर स्तिथ इस मंदिर में रावण को भगवान का दर्जा दिया जाता है. यह एक ऐसा मंदिर है जहां लंका के राजा रावण की पूजा की जाती है. इतना ही नहीं 103 साल पुराने दशानन के इस मंदिर की एक और विशेषता है कि यह मंदिर साल में केवल एक ही दिन खुलता है और फिर साल भर के लिए बंद कर दिया जाता है. बता दें कि कानपुर के शिवाला स्थित देश का एकलौता रावण मंदिर हैं जहां लोग आकर दशानन की पूजा करते हैं.   

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दरअसल, इस मंदिर में रावण की शक्ति के रूप में पूजा जाता है और यहां तेल का दिया जलाकर मन्नत मांगने की मान्यता है. इसके अलावा दशहरा के दिन जब मंदिर के कपाट खोले जाते हैं तो सबसे पहले रावण का श्रृंगार किया जाता है. दरअसल, ऐसी मान्यता है कि रावण एक पंडित होने के साथ साथ भगवान शिव का परम भक्त था और इसलिए शक्ति के प्रहरी के रूप में यहां रावण मंदिर बनाया गया है.   

क्या है महत्व 

इस रावण मंदिर का पट केवल दशहरे के दिन खोला जाता हैं और इस दौरान मंदिर में विशेष पूजा की जाती है. इस दिन सुबह से शाम तक साधक यहां रावण दर्शन के लिए आते रहते हैं और मन्नतें मानने के लिए यहां सरसों के तेल के दीए जलाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन यहां सरसों का दीपक जलाने से शक्ति की प्राप्ति होती है और बिगड़ जाते हैं. इसलिए लोग इस दिन यहां सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं.  

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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