डीएनए हिंदीः शनिवार से शुरू होने वाले पंचक काल को मृत्यु पंचक कहते हैं. जातकों के लिए यह सबसे अधिक परेशानी का दौर है. इस काल में जोखिम लेने से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस पंचक के दौरान दुर्घटना होने की संभावना अधिक होती है. ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मौजुमदार बताती हैं कि सभी पंचकों में सर्वाधिक अशुभ तथा त्याज्य माना गया है.
वैदिक ज्योतिष के अनुसार पंचक 5 इन नक्षत्रों - धनिष्ठा, पूर्व भाद्रपद, शतभिषा, उत्तर भाद्रपद और रेवती नक्षत्रके मिलन के कारण बनता है.जब चंद्रमा कुंभ राशि में प्रवेश करता है तब पंचक योग शुरू होता है और धनिष्ठा का तीसरा चरण शुरू होता है. बाद में, चंद्रमा अन्य नक्षत्रों- शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती से क्रमशः पारगमन करता है. चन्द्रमा को इन नक्षत्रों की यात्रा पूरी करने में 5 दिन लगते हैं. पंचक योग प्रत्येक 27 दिनों की अवधि के बाद बार-बार आता है.
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पंचक में किसी की मृत्यु हो जाए तो क्या होता है?
ऐसा माना जाता है कि पंचक काल में मरने वाले लोगों को मोक्ष या मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती है. यदि पंचक के दौरान मृत्यु हो जाती है और उचित दाह संस्कार वैदिक अनुष्ठान नहीं किया जाता है, तो उच्च संभावना है कि मृतक के परिवार के चार लोग भी 24 महीने की अवधि के भीतर मृत्यु को प्राप्त हो जाएंगे, लेकिन पंचक की पूजा कराने से इस खतरे को टाला जा सकता है.
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पंचक में इन 6 काम न करें
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, पंचक योग अवधि के दौरान विशिष्ट गतिविधियों से बचना चाहिए.
- दक्षिण दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए क्योंकि यह मृत्यु के देवता भगवान यम से जुड़ी है.
- यदि आपका घर या भवन निर्माणाधीन है तो पंचक योग समाप्त होने तक भवन की छत का निर्माण करने से बचें.
- लकड़ी न काटें और न ही घास या ईंधन से संबंधित चीजें इकट्ठी करें क्योंकि इससे इस अवधि में घर में आग लग सकती है.
- पंचक काल में कोई भी शुभ कार्य या नया व्यापार या नया लेन-देन शुरू न करें.
- पंचक योग काल में बिस्तर, गद्दा आदि खरीदने या बनवाने या दान करने से बचें.
- यदि आपको पंचक काल के दौरान किसी भी तरह से कोई शुभ कार्य शुरू करना है और निर्माण के साथ आगे बढ़ना है, तो पंचक दोष को खत्म करने के लिए ज्योतिषीय उपायों का पालन करें या किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लें.
कब लगेगा पंचक (Mrityu Panchak 2023)
13 मई 2023 (शनिवार) को दोपहर 12.18 बजे आरंभ होगा. पंचक का समापन 17 मई 2023 (बुधवार) को सुबह 7.39 बजे होगा. शनिवार को आरंभ होने के कारण इसे मृत्यु पंचक का नाम दिया गया है. इसे सभी पंचकों में सर्वाधिक अशुभ तथा त्याज्य माना गया है. इस पंचक में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए अन्यथा मृत्यु समान कष्ट भोगना पड़ता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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