Devshayani Ekadashi 2023: आज देवशयनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना जीवनभर झेलने पड़ेंगे कष्ट

Aman Maheshwari | Updated:Jun 29, 2023, 05:41 AM IST

Devshayani Ekadashi 2023

Devshayani Ekadashi 2023: देवशयनी एकादशी आज 29 जून 2023 को मनाई जा रही है. एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के साथ ही कई बातों को विशेष ध्यान रखना चाहिए.

डीएनए हिंदीः आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2023) के रूप में मनाया जाता है. देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2023) के बाद भगवान विष्णु का सयन शुरू हो जाता है. इस दिन चातुर्मास की शुरुआत होती है. इस साल देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2023) आज 29 जून 2023 को मनाई जा रही है. एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के साथ ही कई बातों को विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस दिन कई कार्य करने वर्जित होते हैं. आज आपको बताते हैं कि देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2023) पर किन कामों को करने से बचना चाहिए.

देवशयनी एकादशी पर न करें ये गलतियां (Devshayani Ekadashi 2023 Niyam)
तामसिक भोजन का न करें सेवन

हिंदू धर्म में मांसाहारी भोजन करने की मनाही है लेकिन आप मांसाहार का सेवन करते हैं तो इस दिन किसी भी तरह के तामसिक भोजन से बचना चाहिए. देवशयनी एकादशी पर आपको मांस, प्याज, लहसुन और नशा आदि से दूर रहना चाहिए.

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एकादशी पर न खाएं चावल
एकादशी तिथि पर चावल का सेवन करना वर्जित माना जाता है. इस दिन चावल से बनी चीजों जैसे पोहा, पुलाव भी नहीं खानी चाहिए. जो लोग व्रत नहीं रखते है उन्हें भी चावल से परहेज करना चाहिए.

ब्रह्मचर्य का पालन करें
देवशयनी एकादशी पर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. इस दिन भगवान की भक्ति में लीन होकर मंत्रों का जाप करना चाहिए. तन के साथ मन से भी ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. मन पर पूरी तरह से नियंत्रण करना चाहिए.

मन में रखें शुद्ध विचार
देवशयनी एकादशी पर किसी के लिए भी बुरे विचार मन में नहीं लाने चाहिए. इस दिन किसी की भी बुराई नहीं करनी चाहिए.

तुलसी में न चढ़ाएं जल
एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में जल नहीं चढ़ाना चाहिए. इस दिन तुलसी के पत्तों को भी नहीं तोड़ना चाहिए. तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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