Dhan Prapti Mantra: शुक्रवार को मां लक्ष्मी की कृपा के लिए इन मंत्रों का करें जाप, भर जाएगी खाली पड़ी तिजोरी

Written By Aman Maheshwari | Updated: Jun 16, 2023, 06:32 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर

Dhan Prapti Mantra: शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी के इन मंत्रों का जाप कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

डीएनए हिंदीः सुखी जीवन व्यतीत करने के लिए जीवन में धन-धान्य का होना जरूरी है. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है. देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न (Maa Laxmi Puja) कर आप जीवन में धन लाभ पा सकते हैं. शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित (Dhan Prapti Mantra) माना जाता है. ऐसे में आप इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना और मां लक्ष्मी के मंत्रों (Dhan Prapti Mantra) का जाप कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं. आपको सुख-समृद्धि और धन लाभ के लिए मां लक्ष्मी की पूजा में इन मंत्रों (Dhan Prapti Mantra) का जाप करना चाहिए.

शुक्रवार को इन मंत्रों के जाप से मां लक्ष्मी को करें प्रसन्न
सुख-समृद्धि हेतु मंत्र

या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी.

या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती.

व्यापार वृद्धि मंत्र
ॐ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमल धारिण्यै गरूड़ वाहिन्यै श्रीं ऐं नमः

श्री महालक्ष्मी गायत्री मंत्र
॥ ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥

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सुख प्राप्ति मंत्र
ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी, भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्व
गुरूश्व शुक्रः शनिश्राहुक, तवःकुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम
नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्
दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्
जय लोकप्रदीपाय जय भानो जगत्पते। जय कालजयानन्त संवत्सर शुभानन

ऋण मोचन मंत्र
॥ ॐ नमो ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धनं देही चिन्तां दूरं करोति स्वाहा ॥

धन प्राप्ति मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ.
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ.
ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा.

कुबेर मंत्र
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा

लक्ष्मी ध्यान मंत्र
सिन्दूरारुणकान्तिमब्जवसतिं सौन्दर्यवारांनिधिं,
कोटीराङ्गदहारकुण्डलकटीसूत्रादिभिर्भूषिताम्

हस्ताब्जैर्वसुपत्रमब्जयुगलादर्शंवहन्तीं परां,
आवीतां परिवारिकाभिरनिशं ध्याये प्रियां शार्ङ्गिणः

भूयात् भूयो द्विपद्माभयवरदकरा तप्तकार्तस्वराभा,
रत्नौघाबद्धमौलिर्विमलतरदुकूलार्तवालॆपनाढ्या

नाना कल्पाभिरामा स्मितमधुरमुखी सर्वगीर्वाणवनद्या,
पद्माक्षी पद्मनाभोरसिकृतवसतिः पद्मगा श्री श्रिये वः

वन्दे पद्मकरां प्रसन्नवदनां सौभाग्यदां भाग्यदां,
हस्ताभ्यामभयप्रदां मणिगणैर्नानाविधैर्भूषिताम् 

भक्ताभीष्टफलप्रदां हरिहरब्रह्मादिभिस्सॆवितां,
पार्श्वे पङ्कजशङ्खपद्मनिधिभिर्युक्तां सदा शक्तिभिः

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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