Dhanteras 2024 Puja Timing: धनतेरस पर कुबेर देव की पूजा अर्चना के साथ पढ़ें आरती, पूर्ण होंगे धन से जुड़े सभी काम 

Written By नितिन शर्मा | Updated: Oct 29, 2024, 07:11 PM IST

धनतेरस के दिन खरीदारी के साथ धन के देवता कुबेर देव की पूजा अर्चना की जाती है. कुबेर देवता की कृपा व्यक्ति को जीवन में धन की कमी नहीं होती. धन के देवता को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं.

Dhanteras 2024 Kuber Dev Mantra And Aarti: दिवाली का त्योहार आने में अब सिर्फ कुछ ही दिन बाकी रह गये हैं. मार्केट में इस त्योहार की झलक दिखने लगी है. दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है. धनतेरस का त्योहार कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल धनतेरस 29 अक्तूबर 2024 को मनाई जाएगी. इसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है. धनतेरस पर धन के देवता कुबेर देव के साथ मां लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना की जाती है. इसके साथ ही खरीदारी का भी विशेष महत्व होता है. अगर आप भी धन संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं तो धनतेरस पर कुबेर देव की पूजा अर्चना करने के साथ ही उनके विशेष मंत्र और आरती जरूर करें. इससे भगवान कुबेर देव की कृपा प्राप्त होगी. घर में धन के भंडार भरेंगे. आइए जानते हैं कुबेर देव के मंत्रों से लेकर आरती...

धनतेरस पर पूजा का समय
वैदिक पंचांग के अनुसार धनतेरस का पर्व आज यानी 29 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. इस दिन पूजा-अर्चना करने का शुभ मुहूर्त संध्याकाल में 06 बजकर 31 मिनट से लेकर 08 बजकर 13 मिनट तक है.
 

धनतेरस पर कुबेर देव के इन मंत्रों का करें जाप 

कुबेर मंत्र

ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा..

कुबेर धन प्राप्ति मंत्र

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः..
कुबेर अष्टलक्ष्मी मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः..

कुबेर देव की आरती 

ॐ जय यक्ष कुबेर हरे,
स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे.
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे.

..ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…..

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े.
स्वामी भक्त कुबेर बड़े.
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ..

.. ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…..
स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे.
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं..
.. ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…..
गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करे..
.. ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…..
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने.
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने..

.. ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…..
बल बुद्धि विद्या दाता,
हम तेरी शरण पड़े,
स्वामी हम तेरी शरण पड़े,
अपने भक्त जनों के,
सारे काम संवारे..
.. ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…..
मुकुट मणी की शोभा,
मोतियन हार गले,
स्वामी मोतियन हार गले.
अगर कपूर की बाती,
घी की जोत जले॥

.. ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…..
यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे.
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे.
.. इति श्री कुबेर आरती ..

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

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