डीएनए हिंदीः धनतेरस पर सोना खरीदना बेहद शुभ माना गया है और कोई सोना न खरीद सके तो चांदी, पीतल या स्टील भी खरीद सकता है. लेकिन इन चार धातुओं में से किसी एक को जरूर खरीदने की पंरपरा रही हैं. लेकिन सोना खरीदना सबसे ज्यादा शुभ क्यों माना गया है.
असल में सोने को बेहद शुद्ध माना गया है और माना जाता है कि सोने में धन की देवी लक्ष्मी का वास होता है. तो धनतेरस पर ही सोना क्यों खरीदा जाए, इसके पीछे कहानी क्या है और क्यों धनतेरस पर दीपदान और पूजा का महत्व है, चलिए जानें. साथ ही जानें धनतेरस पहली बार कब मनाया गया था.
धनतेरस ही नहीं, दशहरा, अक्षय तृतीया, मकर संक्रांति, नवरात्रि, दिवाली तक पर सोना खरीदने की परंपरा रही है लेकिन सबसे ज्यादा शुभ सोना खरीदाना धनतेरस पर माना गया है. हालांकि इस दिन लोग घर, गाड़ी और निवेश भी खूब करते हैं.
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धनतेरस पर सोने की खरीदारी के पीछे क्या है पौराणिक कारण
एक दंत कथा के मुताबिक एक बार हिमा नामक राजा का 16 वर्षीय पुत्र का विवाह एक कन्या से करा दिया गया लेकिन ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की थी कि राजकुमार शादी के चौथे दिन ही मर जाएगा क्योंकि उसे एक सांप काट लेगा. यह जानकारी मिलते ही राजा और और राजकुमार की पत्नी बेहद दुखी हो गए.
लेकिन पत्नी ने तय किया कि वह अपनी पति की जान बचाकर रहेगी और शादी के चौथे दिन उसने महल में सभी गहने और सोना को एकत्र कर के मुख्य द्वार के सामने एक ढेर में रख दिया. साथ ही वह राजकुमार को जगाए रखने के लिए उन्हें एक के बाद एक कहानी सुनाने लगी. क्योंकि ज्योतिषों का कहना था कि राजकुमार के सोते ही सांप रात के समय उसे काटेगा इसलिए उसे सोने से पत्नी बचाने का प्रयास करने लगी. इस तरह से वह अपने पति को रात भर जगाती रही.
जब यम रोपी सांप राजकुमार को डंसने आ रहा था तो महल के मुख्यद्वार पर गहनों की चमक से वह अंधा बन गया.सांप महल में प्रवेश नहीं कर सका. इस बीच लड़की द्वारा गाए गए मधुर गीतों से सांप मंत्रमुग्ध हो गया और सांप वहीं रुक गया और भोर हो गई. राजकुमार की मृत्यु के लिए ग्रहों ने जो समय निर्धारित किया था वह बीत गया तब यम राजकुमार की जान लिए वापस लौट गए.
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ऐसे शुरू हुई धनतेरस के परंपरा
राजकुमार की मौत सोने की आभूषणों के चलते सांप के अंधे होने से बची थी और यही कारण है इस दिन के बाद से धनतेरस पर सोना खरीदने की पंरपरा शुरू हुई. और यम के नाम का दीप जलाया जाने लगा. धनतेरस पर घर के मुख्य द्वार के सामने भगवान यम और देवी लक्ष्मी का दीप जरूर जलाना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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