डीएनए हिंदीः दिसंबर में सूर्य का गोचर धनु राशि में होगा और इसे ही धनुर्मास कहते हैं. कई जगह इसे खरमास के नाम से भी जाना जाता है. खरमास एक महीने का होता है. साल में दो बार खरमास लगता है. एक अप्रैल में जब सूर्य का गोचर मेष में होता है, दूसरा दिसंबर में जब सूर्य धनु राशि में गोचर करता है. दिसंबर से शुरू होने वाला ये खरमास जनवरी में मकर संक्रांति के साथ खत्म होगा.
धनु राशि में सूर्य जब तक होंगे तब तक भले ही मांगलिक कार्य नहीं होंगे लेकिन दान-पुण्य और तीर्थ से जुड़े कार्य जरूर किए जाते हैं. इससे अमोघ पुण्य का लाभ मिलता है. 15 दिसंबर को सूर्य वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में विराजमान होंगे. इसलिए इसे धनु संक्रांति कहा जाता है. इसके साथ ही खरमास लगेगा और एक महीने तक शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, भूमि पूजन नई चीजों को खरीदना आदि शुभ नहीं होगा. खरमास में धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन करना शुभ माना गया है.
पौष मास सूर्योपासना के लिए है अति विशिष्ट
9 दिसंबर से पौष मास शुरू हो गया है और ये मास भगवान सूर्य और विष्णु जी को अर्पित है. इस मास में सूर्य की उपासना सभी को करनी चाहिए. सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही आदित्यस्त्रोत का पाठ करना आपकी कई कामनाओं को पूरा करेगा और संकट और कष्ट को दूर करेगा.
धनु के राशि स्वामी देवगुरु बृहस्पति की पूजा करें
अगर सूर्य का गोचर आपकी राशि पर भारी होने वाला है तो आपको गुरू बृहस्पित की पूजा जरूर करनी चाहिए. क्योंकि धनु के राशि स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं. भगवत भजनण् कथा श्रवण तथा तीर्थ यात्रा के साथ ही इस मास में गीता का पाठ जरूर करें.
जानें कब से फिर खुलेंग लग्न के दिन
सूर्य देव करीब एक माह धनु राशि में संचरण करने के बाद 15 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो मकर संक्रांति होगी. इसके बाद सभी शुभ और मांगलिक कार्य शुरू हो जायेंगे.
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