Uttarakhand के इस मंदिर में दिन में तीन बार रूप बदलती हैं माता की मूर्ति, जानें क्या है मंदिर से जुड़ी मान्यता

Written By Aman Maheshwari | Updated: Oct 20, 2023, 06:56 AM IST

धारी देवी मंदिर उत्तराखंड

Dhari Devi Mandir Uttarakhand: धारी देवी मंदिर दिल्ली नेशनल हाईवे 55 पर श्रीनगर से 14 किलोमीटर दूर अलकनंदा नदी के किनारे झील के बीच है.

डीएनए हिंदीः भारत में ऐसे कई मंदिर है जिनके रहस्य लोगों को हैरान कर देते हैं. एक ऐसा ही मंदिर देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand Temple) से करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां मंदिर (Dhari Devi Mandir) में जो चमत्कार होता है उसे देखकर हर कोई हैरान हो जाता है. इस मंदिर में माता की मूर्ति दिन में तीन रूप बदलती है. इस मंदिर (Dhari Devi Mandir) से रोचक कहानी जुड़ी हुई है. इस मंदिर का नाम धारी देवी मंदिर है. धारी देवी मंदिर (Dhari Devi Mandir) दिल्ली नेशनल हाईवे 55 पर श्रीनगर से 14 किलोमीटर दूर अलकनंदा नदी के किनारे झील के बीच है. तो चलिए आपको इस रहस्यमय मंदिर (Dhari Devi Mandir) से जुड़े रहस्य के बारे में बताते हैं.

धारी देवी मंदिर, उत्तराखंड (Dhari Devi Mandir, Uttarakhand)
उत्तराखंड में स्थित यह मंदिर किसी चमत्कार से कम नहीं है. यहं पर मंदिर में मौजूद माता की मूर्ति दिन में तीन बार रूप बदलती है. सुबह यह मूर्ति कन्या के रूप में नजर आती है. दोपहर के समय मूर्ति का रूप युवती की तरह हो जाता है और शाम को यह बूढ़ी महिला की तरह दिखती है. मंदिर से जुड़ा यह रहस्यमयी नजारा देखने में बहुत ही हैरान करने वाला होता है. ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर चारधाम की रक्षा के लिए है. मंदिर में विराजमान धारी देवी मंदिर चारधाम और तीर्थयात्रियों की रक्षा करती हैं.

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मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा (Dhari Devi Mandir History)
मंदिर के पुजारीयों का मानना है कि इस मंदिर में माता की यह चमत्कारी मूर्ति द्वापर युग से स्थापित है. ऐसा कहा जाता है कि एक बार बाढ़ में मंदिर बह गया था. माता की मूर्ति भी बाढ़ के साथ बह गई. जिसके बाद यह मूर्ति चट्टान से टकराई और इसमें से ईश्वरीय आवाज आई. जिसने गांव के लोगों को मूर्ति को इस जगह पर स्थापित करने के लिए कहा. तभी गांव के लोगों ने मूर्ति को यहां स्थापित किया. मूर्ति को स्थापित करने के बाद के लोगों ने यहां मंदिर का निर्माण कराया.

ऐसी मान्यता है कि धारी देवी चारधाम और तीर्थयात्रियों की रक्षा करती है. साल 2013 में मंदिर में से मूर्ति को हटाया गया था. मूर्ति को 16 जून 2013 की शाम को हटाया गया था जिसके कुछ देर बाद ही राज्य में आपदा आ गई थी. बाद में माता की मूर्ति को उसी जगह पर स्थापित किया गया. 2013 में उत्तराखंड में आई आपदा में हजारों लोग मारे गए थे.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

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