Diwali 2024 Lakshmi Ganesh Aarti: दिवाली पूजन के बाद पढ़ें मां लक्ष्मी और गणेश जी की ये खास आरती, पूर्ण हो जाएगी मनोकामना 

Written By नितिन शर्मा | Updated: Oct 30, 2024, 02:25 PM IST

कोई भी पूजा अर्चना बिना आरती के अधूरी रहती है. भगवान की पूजा अर्चना और भोग के बाद आरती करने के बाद ही पूजा को पूर्ण माना जाता है.

Diwali 2024 Puja And Aarti: हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इसमें मां लक्ष्मी और गणेश जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. माता रानी से कष्ट और दुखों का विनाश कर धन की कामना की जाती है. माता रानी को प्रसन्न करने के मंत्रों का जाप से लेकर भगवान को प्रिय भोग लगाएं जाते हैं. इसके बाद मां लक्ष्मी और गणेश जी की आरती की जाती है. 

कोई भी पूजा अर्चना बिना आरती के अधूरी रहती है. भगवान की पूजा अर्चना और भोग के बाद आरती करने के बाद ही पूजा को पूर्ण माना जाता है. इसके साथ ही मनोकामना की पूर्ति होती है. आइए पढ़तें मां लक्ष्मी और गणेश जी की विशेष आरती...

मां लक्ष्मी की आरती (Maa Lakshmi Ji Ki Aarti)

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन 

सेवत हरि विष्णु विधाता

ॐ जय लक्ष्मी माता

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता

ॐ जय लक्ष्मी माता

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता

ॐ जय लक्ष्मी माता

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता

ॐ जय लक्ष्मी माता

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता

ॐ जय लक्ष्मी माता

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता

ॐ जय लक्ष्मी माता

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत,

मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता

ॐ जय लक्ष्मी माता

गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti)

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा..

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी. 
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा.
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा..

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया. 
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा.. 
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .. 
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा.

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी. 
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

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