Diwali : आज आधी रात मां लक्ष्मी की पूजा का जानें महत्व और मुहूर्त, पूरी रात जलाएं दीपक और लगाएं काजल

ऋतु सिंह | Updated:Oct 24, 2022, 06:30 AM IST

  आज आधी रात मां लक्ष्मी की पूजा का जाने महत्व और मुहूर्त, पूरी रात जलाएं दीपक और लगाएं काजल  

Diwali Nishita Muhurat:आज दिवाली पर आधी रात को मां लक्ष्मी की पूजा उत्तम मानी गई है. इस दिन पूरी रात दीपक जलाने और उससे बने काजल को लगाना शुभ होता है.

डीएनए हिंदीः आज सोमवार 24 अक्टूबर को दिवाली मनाई जा रही है. दिवाली में शाम के समय प्रदोष काल में घर के भीतर और बाहर दीपक जलाए जाते हैं. माना जाता है कि इससे धन के देवता कुबेर और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और घर परिवार में धन-अन्न औ सम्मान की कभी कमी नहीं होती है. 

दिवाली के दिन निशिता काल यानी मध्य रात्रि में भी मां लक्ष्मी की पूजा होती  है और ये बेहद महत्वपूर्ण मानी गई है. इस पूरी रात एक एक दीपक जरूर जलाना चाहिए. चलिए  जानते हैं कि दिवाली पर निशिता काल के लिए शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन पूरी रात दीपक जलाने से क्या लाभ होते हैं.

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दिवाली प्रदोष काल मुहूर्त | Diwali 2022 Pradosh Kaal Muhurat
दिवाली के दिन प्रदोष काल का खास महत्व है. मान्यतानुसार प्रदोष काल में दीपक जलाने से घर में मां लक्ष्मी का प्रवेश होता है. प्रदोष काल 24 अक्टूबर, 2022 को रात 07 बजकर 02 मिनट से रात 8 बजकर 23 मिनट तक है. यह समय मां लक्ष्मी की पूजा के लिए शुभ होता है. वहीं वृषभ काल रात 07 बजकर 02 मिनट से 8 बजकर 58 मिनट तक है.

दिवाली 2022 निशिता काल मुहूर्त  | Diwali 2022 Nishita Muhurat
मध्यरात्रि को निशिता काल कहा जाता है. दिवाली के दिन निशिता काल के मुहूर्त का खास महत्व होता है. धार्मिक मान्यता है कि दिवाली पर निशिता काल में मां लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा से धन के भंडार भरे रहते हैं. पंचांग के अनुसार, 24 अक्टूबर को निशिता काल का मुहूर्त रात 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट तक है. 

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दिवाली की पूरी रात दीपक जलाने के लाभ
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के बाद उनके समक्ष एक बड़ी दीपक पूरी रात जलाना चाहिए. माना जाता है कि मां लक्ष्मी दिवाली की रात विचरण करती हैं और यह देखती हैं कि कहां उनके स्वागत के लिए दीप जलाए गए हैं. जिस घर में उनके निमित्त पूरी रात दीपक जलाया जाता है, वहां मां लक्ष्मी पधारती हैं और धन-धान्य, यश, कीर्ति और आरोग्या का आशीर्वाद देकर जाती हैं. 

मान्यता यह भी है कि दिवाली की रात दीपक जलाकर कालज बनाया जाता है. इस काजल को दूसरे दिन घर के सदस्य अपनी आंखों में लगाते हैं. इसके अलावा इस काजल का टीका घर की तिजोरी और आलमारी पर भी लगया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में बरकत बनी रहती है.

 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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