डीएनए हिंदीः दिवाली पर मिट्टी के गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा लेने से पहले कुछ बातें आपको जरूर जान लेनी चाहिए. प्रतिमा से जुड़े नियम, वास्तु और ज्योतिष विचार को समझ कर अगर मूर्ति ली जाए तो पूजा फलीभूत जरूर होती है.
बहुत से लोगों को ये असमंजस होता है कि गणेश जी की सूंड किधर होनी चाहिए या देवी लक्ष्मी खड़ी होनी चाहिए या बैठी और लक्ष्मी माता की प्रतिमा दाहिनी ओर हो या बाईं ओर आदि. इन सारे ही सवालों का जवाब आपको इस खबर में जरूर मिलेगा. साथ ही यह भी जान लें कि गणपति और देवी लक्ष्मी की ये प्रतिमा लेनी किस दिन चाहिए और किस दिशा में रखनी चाहिए.
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धनतेरस पर खरीदें लक्ष्मी-गणेश
देवी लक्ष्मी और गणपति की पूजा भले ही आप दिवाली पर करेंगे लेकिन इसे खरीदना धनतेरस के दिन ही चाहिए. धनतेरस के दिन जब आप सोना-चांदी या बर्तन आदि ले रहे हो तभी गणेश-लक्ष्मी को भी खरीदाना चाहिए. धनतेरस पर आप दो बर्तन खरीदें एक कुबेर की पूजा के लिए और दूसरा आप दिवाली पूजा के लिए और दोनों ही बर्तन में मिठाई भरकर घर में प्रवेश करें. यानी जब आप धनतेरस की खरीदारी का घर आएं तो आपके साथ ये सारी ही चीजें होनी चाहिए.
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अब जानें कैसी होनी चाहिए देवी लक्ष्मी और भगवान गणिपति की प्रतिमा
ऐसी होनी चाहिए गणेश जी की मूर्ति : गणेश जी की ऐसी मूर्ति लेनी चाहिए जिसमें वह बैठे हों. वहीं उनकी सूंड दाईं ओर मुड़ी होनी चािहए. अगर आप व्यापारिक पूजा के लिए गणपति जी की प्रतिमा ले रहे तब ऐसी प्रतिमा लें जिसमें गणेश जी की सूंड बाईं तरफ मुड़ी हो. गणपति जी पीले रंग के हों तो शुभकारी होगा. गणपित के हाथ में मोदक हो और जनेउ भी धारण किए हों. साथ में चूहा भी जरूर हो.
मां लक्ष्मी और कमल का फूल : मां लक्ष्मी की प्रतिमा ऐसी लें जिसमे ंवह गुलाबी रंग का वस़्त्र धारण की हों. साथ ही उनके आथ में कमल का फूल हो या वह फूल पर विराजमान हों. कमल का फूल मां लक्ष्मी के साथ होना जरूरी है.
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अलग-अलग होनी चाहिए मूर्ति; गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति अलग-अलग होनी चाहिए. एक में जुड़ी मूर्ति न लें.
दिशा का दें ध्यान : जब भी मां लक्ष्मी का पूजन विष्णु जी और गणेश जी के साथ की जाती है तब गणेश जी लक्ष्मी जी के दाहिने और विष्णु जी लक्ष्मी जी के बाएं होने चाहिए.
कभी एक साथ कई प्रतिमा न रखें : अगर आप देवी लक्ष्मी और गणपति की पूजा कर रहे हैं तो वहां मंदिर में एक से ज्यादा प्रतिमाएं उन्हीं भगवान की न हों.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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