डीएनए हिंदी: Do You Know Ghost Eats Your Food- जैसा कि हम सब जानते हैं, भूत-प्रेत,आत्माएं होती हैं,जिन्होंने अपना शरीर खो दिया है और जो इस पृथ्वी लोक पर भटक रही हैं. ये वो अभागी आत्माएं हैं, जिनके लिए न मुक्ति का द्वार खुला है और न ही इन्हें कोई नया जन्म मिला है. इन्हें नहीं पता ये कहां जाएं,क्या करें. ये बस हम इंसानों की दुनिया में ही रहती हैं.इसी इंतजार में कि किसी दिन इनका भी वक्त आएगा, जब इन्हें इस प्रेत योनि से छुटकारा मिलेगा. क्या आप यह जानते हैं कि ये लोग भी खाना खाते हैं. आज इस रहस्य से पर्दा उठाएंगी ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार.
प्रीतिका बताती हैं कि जब आत्माएं इंसानों को खाते देखती हैं,पीते देखती हैं, मौज करते देखती हैं तो उनका भी मन तड़प उठता है. कुछ ऐसी इच्छाएं होती हैं,जो शरीर के नष्ट हो जाने के बाद भी बनी रहती हैं जैसे भोजन करने की इच्छा, भोग विलास की इच्छा, सेक्स करने की इच्छा, किसी प्रियजन से मोह रखने की इच्छा और ये इच्छाएं आत्मा के अंदर रह जाती हैं. इसमें शरीर का कोई लेना देना नहीं है. हालांकि शरीर ही एक माध्यम है जिसके द्वारा हम इन इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं, जैसे भोजन की इच्छा शरीर द्वारा ही पूरी की जा सकती है. लेकिन आत्माओं के पास शरीर नहीं है, इसलिए वे उन इच्छाओं को पूरा करने के लिए हम जैसे इंसानों का सहारा लेती हैं, जिनके पास शरीर है.
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एक कॉमन चीज है, वो है पेट की भूख. इंसानों को इसलिए होती है क्योंकि उनके पास शरीर है. उनका शरीर भोजन मांगता है, चलने के लिए, पर जो उस भोजन का स्वाद है, वो इन आत्माओं को मरणोपरांत भी याद रहता है, शरीर नष्ट हो जाने के बाद भी याद रहता है. जो इन्होंने कभी भोगा था. अक्सर हम लोग जब खाना खाते हैं, किसी भी तरीके का भोजन करते हैं तो हम सोचते हैं कि हम अकेले हैं पर ऐसा नहीं है. ऐसा भी हो सकता है हमारे साथ कोई आत्मा बैठी हो. हम कहीं रेस्टोरेंट में खाना खा रहे हैं, कहीं बाहर सड़क पर खाना खा रहे हैं. हम किसी भी जगह पर हैं,वहां पर कोई भी आत्मा बैठी हो सकती है. हकीकत में हर वक्त, हर जगह कोई न कोई प्रेत, कोई न कोई आत्मा विचरण कर रही है, बैठी है, घूम रही है और जब आप भोजन खाते हो तो उनकी सीधा दृष्टि आपके भोजन पर जाती है, आप पर जाती है कि आप कितना सुख भोग रहे हो ! क्या बढ़िया भोग ले रहे हो ! क्या स्वाद का मजा ले रहे हो और वो इतने अभागे हैं कि इस स्वाद से वंचित हैं, तो इसीलिए वो इंसान के शरीर में प्रवेश करके उस भोजन का आनंद लेती हैं
अक्सर ऐसा हुआ है कि आपको भूख नहीं है तब भी आप ज्यादा खा रहे हैं. आप दो रोटी खाते हैं पर अचानक से आप तीन रोटी, चार रोटी खाने लग गए. आपको ये महसूस हो रहा कि आपके पेट में जगह नहीं है पर फिर भी आपका अपने ऊपर ही कोई कंट्रोल नहीं है और आप एक के बाद एक रोटियाँ खाते जा रहे हैं. ये एक ऐसी अवस्था है जो बताती है कि जो दो रोटी के ऊपर की जो भूख है, वो आपकी नहीं किसी और की है और वो अपनी इस भूख मिटाने के लिए आपके शरीर का इस्तेमाल कर रहा है. आपके ऊपर अपना कब्जा जमा रहा है.
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दूसरी बात कई दफा ऐसा भी होता है कि हमें कोई चीज आज तक नहीं पसंद थी लेकिन अचानक अच्छी लगने लगती है. उसका स्वाद इतना अच्छा लगने लगता है कि हम हैरान हो जाते हैं कि आज तक हमें ये चीज बेकार क्यों लगती थी, खाते नहीं थे और अब हम कैसे खा रहे हैं ? तो वो स्वाद उस आत्मा को पसंद है जो उस इंसान के शरीर में है, जिसके द्वारा वो उस भोजन का भोग ले रही है। अब इसमें दो बातें हो सकती हैं, जरूरी नहीं कि हर बार किसी आत्मा का ही काम हो. आपकी खुद की शारीरिक एक ये अनुभूति भी हो सकती है, पर मैक्सिमम केसेज में ये किसी न किसी प्रेत या आत्मा का काम होता है, जो अपनी इच्छा आपके द्वारा पूरी करती है और फिर निकल जाती है
उपाय
आप इन चीजों से ना बच सकते हैं, ना ही इससे पार जा सकते हैं. बस आप कुछ ऐसे छोटे उपाय कर सकते हैं, जिससे आपके साथ ये न हो क्योंकि अगर ये आपके साथ हो रहा है तो भी आपको पता नहीं चलेगा. ये तभी पता चलती है जब आपके शरीर में बैठा प्रेत इतना पुराना हो जाता है कि वो फिर उसके बाद ठसक से अपना कब्जा जमाने के बाद आपको ये बताने की कोशिश करता है, ये दिखाने लगता है कि ये शरीर अब उसका है और तब तक पता नहीं कितने साल निकल जाते हैं, इंसान सोच भी नहीं सकता
जब आप भोजन करते हैं तो थोड़ा सा टुकड़ा निकालकर रख दें.
भोजन का पहले भगवान को भोग लगाएं.
खाने से पहले प्रार्थना करें
इससे आप काफी हद तक इन चीजों से बच पाएंगे.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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