Jyotish Tips: रक्षाबंधन-जन्‍माष्टमी के दिन को लेकर है संशय? तो जान लें ज्‍योतिष नियम कभी नहीं होगा कंफ्यूजन

ऋतु सिंह | Updated:Aug 11, 2022, 03:19 PM IST


रक्षाबंधन-जन्‍माष्टमी के दिन को लेकर है संशय? तो जान लें ज्‍योतिष नियम

Rakshabandhan and Janmashtami: राखी किस दिन बांधी (Rakhi Tied ) जाएगी या जन्‍माष्‍टमी (Janmashtami) किस दिन मनाई जाएगी आपके मन में ये सवाल जरूर होगा. जब भी किसी त्‍यौहार कि तिथि दो दिन होती है तो लोगों के मन में दिन को लेकर कंफ्यूजन रहता है लेकिन यहां आपको आज एक ऐसी जानकारी देंगे जिसके बाद आपका ये संशय हमेशा के लिए दूर हो जाएगा.

डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म में त्‍यौहार के दिन पंचांग के अनुसार ही तय होते हैं. कई बार ऐसा होता है कि पूर्णिमा या अमावस्‍या या कोई भी अन्‍य त्‍यौहार शाम से लगते हैं और अगले दिन दोपहर तक रहते हैं. ऐसे में संशय होना लाजमी है कि त्‍यौहार किस दिन माना जाए.

ज्‍योतिष शास्‍त्र में इस संशय को खत्‍म करने का बेहद ही आसान सा जानकारी दी गई. इसे अगर आप जान लें तो जीवन में किसी भी त्‍यौहार के दो दिन पड़ने पर आप असमंजस में नहीं रहेंगे कि इसे किस दिन मनाया जाए. तो चलिए जानें ये जानकारी क्‍या है. 

यह भी पढ़ें: वैवाहिक जीवन में आई दरार भर देंगे भगवान श्रीकृष्ण, जानें कुछ अचूक उपाय

जानें उदया तिथि का महत्‍व
हिंदू धर्म में हर नए दिन की शुरुआत सूर्योदय के बाद ही मानी जाती है. भले ही अंग्रेजी कलेंडर रात के बारह बजे से अगला दिन जोड़ता है लेकिन हिंदू धर्म में अगला दिन सूर्य के उदय के बाद ही माना जाता है. इसे ही उदया तिथि कहते हैं. अगर कोई त्‍योहार शाम के समय से लगते हुए अगले दिन सूर्योदय के बाद तक रहता है तो त्‍योहार अगले दिन यानी सूर्योदय के बाद वाले दिन ही मनाया जाएगा. अगर त्‍योहार की तिथ‍ि सूर्योदय से पहले ही खत्‍म हो रही हो तो आपको ये त्‍योहार पहले दिन ही मनानी चाहिए. 

तिथि का समय होता है अलग-अलग
पंचांग में कोई भी तिथि 19 घंटे से लेकर 24 घंटे की हो सकती है. तिथि का ये अंतराल सूर्य और चंद्रमा के अंतर से तय होता है. ये तिथि चाहे कभी भी लगे, लेकिन इसकी गणना सूर्योदय के आधार पर की जाती है.

यह भी पढ़ें: बिगड़े काम को बना देगा ये पर्पल स्‍टोन, चुटकियों में चमक जाएगी किस्‍मत  

करवाचौथ या गणेशचौथ पर बदलता है नियम
उदया तिथि का हिंदू शास्त्रों में विशेष महत्व जरूर है, लेकिन कुछ व्रत और त्योहार काल व्यापिनी तिथि के हिसाब से भी किए जाते हैं. जैसे करवाचौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा होती है, ऐसे में ये व्रत उस दिन रखा जाएगा जिस दिन चंद्रमा का उदय चौथ तिथि में हो रहा है. ऐसे में अगर चौथ तिथि उदय काल में नहीं भी होती है और दिन में या शाम को लगती है, तो भी करवा चौथ उसी दिन रखा जाएगा क्योंकि करवाचौथ के व्रत में चतुर्थी के चांद की पूजा होती है.
 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Udaya Tithi What is Udaya Tithi Udaya Tithi decides day of festival