Devi Durga aarti : मां दुर्गा जी की आरती: जय अम्बे गौरी... यहां पढ़ें देवी की संपूर्ण आरती

Written By ऋतु सिंह | Updated: Oct 15, 2023, 08:18 AM IST

मां दुर्गा की आरती

Durga Aarti: आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गया है और देवी के विभिन्न रूपों की पूजा के साथ देवी दुर्गा की आरती करना आपके घर में सौभाग्य प्राप्ति कराएगा.

डीएनए हिंदीः मां दुर्गा की आरती करने से मानसिक शांति मिलती है. यह व्यक्ति से नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है. आरती दैवीय शक्ति के सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक है जो इसे सुनने वाले पर मनोवैज्ञानिक और शारीरिक प्रभाव डाल सकती है. तो चलिए पढ़ें मां दुर्गा की आरती,

दुर्गा आरती/Durga Aarti

जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी।

तुमको निसदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमदको।

उज्जवल से दोऊ नैना चन्द्रवदन नीको॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजे।

रक्त पुष्प गल माला कण्ठन पर साजे॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

केहरि वाहन राजत खड्ग खप्पर धारी।

सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुःख हारी॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

कानन कुंडल शोभित नासाग्रे मोती।

कोटिक चंद्र दिवाकर राजत सम ज्योति॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

शुंभ निशंभु विदारे महिषासुरधाती।

धूम्रविलोचन नैना निशदिन मदमाती॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

चण्ड मुण्ड संहारे शोणित बीज हरे।

मधु कैटभ दोउ मारे सुर भयहीन करे॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

ब्रम्हाणी रुद्राणी तुम कमलारानी।

आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

चौसंठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरुँ।

बाजत ताल मृदंगा अरु डमरुँ॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता।

भक्तन की दुःखहर्ता सुख सम्पत्ति कर्ता॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी।

मनवांच्छित फल पावे सेवत नर नारी॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

कंचन थाल विराजत अगर कपुर बात्ती।

श्री माल केतु में राजत कोटि रतन ज्योती॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

या अम्बे जी की आरती जो कोई नर गाये।

कहत शिवानंद स्वामी सुख संपत्ति पाये॥

जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी।

तुमको निसदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी॥

ॐ जय अम्बे गौरी।

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