Durga Saptashati Path Niyam: नवरात्रि में कर रहे हैं दुर्गा सप्तशती का पाठ? जान लें इससे जुड़े जरूरी नियम

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 16, 2023, 02:36 PM IST

नवरात्रि में कर रहे हैं दुर्गा सप्तशती का पाठ? जान लें इससे जुड़े जरूरी नियम

Durga Saptashati Path Niyam: दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से साधक के जीवन की सारी मुश्किलों का अंत होता है और परिवार में खुशहाली आती है. लेकिन, दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले कुछ जरूरी नियमों का खास ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है...

डीएनए हिंदी: शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के साथ दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) का पाठ का भी खास महत्व बताया गया है, बता दें कि शास्त्रों में दुर्गा सप्तशती को तांत्रिक ग्रंथ बताया गया है और इसमें कई ऐसे मंत्र भी शामिल हैं, जो असंभव कार्य को संभव बना देते हैं. दुर्गा सप्तशती की (Durga Saptashati Significance) उत्पत्ति 18 प्रमुख पुराणों में से एक मार्कण्डेय पुराण से हुई है. दुर्गा सप्तशती का पाठ विधिपूर्वक करने पर ही इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है. इस पाठ के कुछ नियम भी बताए गए हैं, जिन्हें ध्यान में रखना बहुत ही जरूरी है. पाठ करते वक्त अगर इन नियमों का ध्यान न रखा जाए तो इसका उल्टा प्रभाव भी पड़ सकता है. ऐसे में अगर आप भी नवरात्रि में दुर्गा (Navratri 2023) सप्तशती का पाठ कर रहे हैं तो इन नियमों का खास ध्यान जरूर रखें...  

क्या है दुर्गा सप्तशती पाठ का महत्व (Durga Saptashati Significance)

मां दुर्गा को समर्पित दुर्गा सप्तशती के पाठ में वर्णन मिलता है कि किस तरह से मां ने देवों और संसार की रक्षा के लिए भयंकर से भयंकर राक्षसों का वध किया था. बता दें कि दुर्गा सप्तशती की उत्पत्ति  18 प्रमुख पुराणों में से एक मार्कण्डेय पुराण से हुई है और ऐसा माना जाता है कि इसकी रचना 400-600 ई. के बीच हुई थी. इसे सबसे शक्तिशाली ग्रंथ माना जाता है और इसमें 13 अध्याय हैं. इसमें कवच, अर्गला और कीलक शामिल हैं. 

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ऐसे में जो साधक दुर्गा सप्तशती का पाठ को करना चाहते हैं उन्हें इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि उन्हें सबसे पहले कवच, अर्गला और कीलक से शुरुआत करनी है, क्योंकि इसके बिना पाठ अधूरा माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पाठ से साधक के जीवन की सारी मुश्किलों का अंत होता है और परिवार में खुशहाली आती है. इससे घर में सदैव मां लक्ष्मी का वास होता है और कभी भी धन-दौलत की कमी नहीं होती है. 

जानें दुर्गा सप्तशती पाठ का नियम  (Durga Saptashati Path Niyam)

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बता दें कि दुर्गा सप्तशती के 13 अध्याय को एक ही दिन में पूरा करने का विधान है. लेकिन, अगर आप किसी वजह से पाठ पूरा न कर पाएं तो नौ दिनों में अपने पाठ को पूरा कर लें.  

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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