डीएनए हिंदी: Ravan ka antim sanskar kisne kiya भगवान श्री राम ने रावण का वध कर उसके पूरे कुल का सर्वनाश किया था. रावण (Ravan) शिव भक्त, राजनीतिज्ञ, महापराक्रमी योद्धा, अत्यन्त बलशाली, शास्त्रों का प्रखर ज्ञानी और विद्वान था. यही कारण है कि आज भी भारत के कई शहरों में रावण का दहन (Ravan Dahan 2022) नहीं किया जाता, बल्कि उनकी पूजा की जाती है. यह हर कोई जानता है कि मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम ने रावण का वध किया था, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि रावण के मरने के बाद उसका अंतिम संस्कार किसने और कैसे किया था?
रावण की मृत्यु के बाद जब यह खबर उनकी पत्नी मंदोदरी को लगी तो वह दुखी हो गईं और विलाप करने लगीं. वह यह सोच रही थीं कि रावण ज्ञानी होने के बाद भी बुरे कर्म करता रहा और अब उनका अंतिम संस्कार करने के लिए भी कोई नहीं बचा.
विभीषण ने भी रावण के अंतिम संस्कार करने से कर दिया था मना (Ravan Antim Sanskar)
विभीषण वैसे तो रावण की मृत्यु से काफी दुखी थे. लेकिन जब भगवान राम ने उन्हें शांत कराकर रावण का अंतिम संस्कार करने को कहा तो उन्होंने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और कहा कि वह एक भाई के रुप में राक्षस था. जो रावण के साथ हुआ वो उसके पापों का दंड है इसलिए वह उनका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
ऐसे में भगवान राम ने विभीषण को समझाया कि रावण महान विद्वान था, उन्होंने कहा कि मेरे लिए जैसे तुम हो, वैस ही रावण भी है, इसलिए रावण का भी अंतिम संस्कार पूरे विधि- विधान से होना चाहिए. राम की ये बात सुन कर विभीषण ने अपना निर्णय बदल लिया और उन्होंने पूरे विधि-विधान से रावण का अंतिम संस्कार किया. रावण का अंतिम संस्कार एक राजा की तरह किया गया.
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शास्त्रों के अनुसार विभीषण ने अपने भाई रावण की चिता को अग्नि दी और सिर झुकाकर उनके लिए प्रार्थना किया जिसके बाद भगवान राम, विभीषण, लक्ष्मण और उनकी सेना वापस घर लौट आए.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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