डीएनए हिंदी: Ekadashi 2023 List- साल 2022 खत्म होने को है, दिसंबर का महीना लगते ही साल 2023 का इंतजार शुरू हो जाता है. अगले साल कितनी एकादशी है और कब कब, ये हर कोई जानना चाहता है. हिंदू धर्म में एकादशी का काफी महत्व है, हर माह में एकादशी आती है, कोई निर्जला होती है तो कोई आम एकादशी होती है. एक साल में कम से कम 24-25 एकादशी होती हैं, जिसमें कुछ एकादशी का महत्व बहुत ज्यादा होता है.
ये है एकादशी की लिस्ट
पौष
पुत्रदा एकादशी (शुक्ल पक्ष) - 2 जनवरी 2023
माघ
षटतिला एकादशी (कृष्ण पक्ष) - 18 जनवरी 2023
जया एकादशी (शुक्ल पक्ष) - 1 फरवरी 2023
फाल्गुन
विजया एकादशी (कृष्ण पक्ष) - 16 फरवरी 2023
आमलकी एकादशी (शुक्ल पक्ष) - 3 मार्च 2023
चैत्र
पापमोचिनी एकादशी (कृष्ण पक्ष) - 18 मार्च 2023
कामदा एकादशी (शुक्ल पक्ष) - 1 अप्रैल 2023
वैशाख
बरूथिनी एकादशी (कृष्ण पक्ष) - 16 अप्रैल 2023
मोहिनी एकादशी (शुक्ल पक्ष) - 1 मई 2023
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ज्येष्ठ
अपरा एकादसशी (कृष्ण पक्ष) - 15 मई 2023
निर्जला एकादशी (शुक्ल पक्ष) - 31 मई 2023
आषाढ़
योगिनी एकादशी (कृष्ण पक्ष) - 14 जून 2023
देवशयनी एकादशी (शुक्ल पक्ष) - 29 जून 2023
सावन
कामिका एकादशी (कृष्ण पक्ष) - 13 जुलाई 2023
पुत्रदा एकादशी - 27 अगस्त 2023
अधिक मास
पद्मिनी एकादशी (कृष्ण पक्ष) - 29 जुलाई 2023
परम एकादशी (शुक्ल पक्ष) - 12 अगस्त 2023
भाद्रपद
अजा एकादशी (कृष्ण पक्ष) - 10 सितंबर 2023
परिवर्तिनी एकादशी (शुक्ल पक्ष) - 25 सितंबर 2023
आश्विन
इंदिरा एकादशी (कृष्ण पक्ष) - 10 अक्टूबर 2023
पापांकुशा एकादशी (शुक्ल पक्ष) - 25 अक्टूबर 2023
कार्तिक
रमा एकादशी (कृष्ण पक्ष) - 9 नवंबर 2023
देवउठनी एकादशी (शुक्ल पक्ष) - 23 नवंबर 2023
मार्गशीर्ष माह (अगहन)
उत्पन्ना एकादशी (कृष्ण पक्ष) - 8 दिसंबर 2023
मोक्षदा एकादशी (शुक्ल पक्ष) - 22 दिसंबर 2023
एकादशी की मान्यता
एकादशी तिथि भगवान विष्णु से जुड़ी है, विष्णु भगवान को एकादशी बहुत पसंद है, यही वजह है कि एकादशी का व्रत सभी व्रतों में खास और प्रभावशाली होता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, एकादशी व्रत करने वाला व्यक्ति कभी संकटों से नहीं घिरता है क्योंकि इस व्रत की महिमा स्वयं श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताई थी. एकादशी व्रत के प्रभाव से जातक को मोक्ष मिलता है और सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं, दरिद्रता दूर होती है, अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता, शत्रुओं का नाश होता है, धन, ऐश्वर्य, कीर्ती और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता होता है, एकादशी के दिन दान करने का काफी महत्व है. एकादशी के दिन चावल नहीं खाया जाता,
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एकादशी में क्या न करें
एकादशी में कई नियम पालन करने होते हैं, इस दिन सात्विक भोजन करें, हो सके तो फलाहार करें, मांस, प्याज, लहसुन और मसूर दाल न खाएं. पवित्र रहें, ब्रह्मचर्य का पालन करें
एक बार भोजन करें, बार बार मुंह झूठा ना करें
इस दिन क्रोध और झूठ नहीं बोलना चाहिए
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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