Ram temple: राममंदिर का पुजारी के लिए अनिवार्य होगा ये मानक, वीएचपी की मांग-बद्रीनाथ मॉडल पर तय हों अर्चक

ऋतु सिंह | Updated:Sep 23, 2023, 09:09 AM IST

Shri Ram Mandir

अयोध्या राम मंदिर का पुजारी बनने के लिए एक विशेष मानक तय कर दिया गया है, यदि ये मानक पूरी न हुई तो पुजारी बनने की सारी योग्यता फेल होगी.

डीएनए हिंदीः हर मंदिर में पुजारी होने का एक खास नियम या योग्यता होती है. अयोध्या में भी राम मंदिर के पुजारी बनने के लिए एक खास नियम बनाया गया है. बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के महोत्सव की तैयारियों के लिए राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक होने वाली है. बैठक में 22 जनवरी को प्रस्तावित रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व राममंदिर के भूतल के निर्माण की समीक्षा होगी लेकिन इसी बीच मंदिर के पुजारी को लेकर एक ऐलान हुआ है.

असल में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामलला के अर्चकों की पात्रता के लिए कई मानक तय कर रहा है. इसके तहत रामलला का अर्चक वही हो सकता है, जिसका जन्म अयोध्या में ही हुआ हो. हालांकि अभी इस मानक पर मुहर नहीं लगी है. वहीं,  वीएचपी चाहता है कि पूजा पद्धति को परिवारवाद से बचाने के लिए बद्रीनाथ मॉडल अपनाया जाए.

आईए जानते हैं कि आखिर पुजारियों का बद्रीनाथ (Badrinath) मॉडल है क्या?

बद्रीनाथ में ब्रह्मचारी रहने तक ही कोई ब्राह्मण पुजारी पद पर रह सकता है. उसे पूरे समय ब्रह्मचर्य का पालन करना होता यानी स्त्रियों का स्पर्श भी पाप माना जाता है. बद्रीनाथ की पूजा अर्चना के लिए पुजारी केरल के नंबूदरीपाद ब्राह्मण ही बन सकते हैं. इन्हें शंकराचार्य का वंशज माना जाता है. इन्हें रावल कहते हैं. केरल के नंबूदरीपाद ब्राह्मणों में से रावल का चयन बद्रीनाथ मंदिर समिति ही करती है. इनकी कम से कम योग्यता ये है कि इन्हें वहां के वेद-वेदांग विद्यालय का स्नातक और कम से कम शास्त्री की उपाधि होने के साथ ब्रह्मचारी भी होना चाहिए.

विशेष सुरक्षा बल की आठ कंपनियां तैनात
रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) के जवानों ने रामजन्मभूमि परिसर की सुरक्षा संभाल ली है. विशेष ट्रेनिंग के बाद गुरुवार से सुरक्षा कर्मियों को परिसर में विभिन्न स्थानों पर तैनात कर दिया गया है. प्रदेश सरकार ने राम मंदिर की सुरक्षा के लिए एसएसएफ की आठ कंपनियां उपलब्ध कराई हैं.

सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी ने एसएसएफ के तैनात होने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि विशेष फोर्स को रेड जोन और उससे सटे परिसर में तैनाती दी गई है. यहां पहले से तैनात पीएसी के स्थान पर इस फोर्स को तैनात किया गया है. पीएसी की चार कंपनियां अभी यहां तैनात हैं. जनवरी 2024 में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस आयोजन में सम्मिलित. कार्यक्रम को भव्य बनाने के साथ-साथ उसकी सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं. एसएसएफ की तैनाती उसी का हिस्सा है.
 

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