Ambaji Temple: गुजरात का प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर कल रहेगा बंद, आरती के समय में भी हुआ बदलाव

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 07, 2022, 02:57 PM IST

गुजरात का प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर कल चंद्र ग्रहण लगने की वजह से रहेगा बंद

Ambaji Mandir: गुजरात में स्थित अंबाजी मंदिर कल यानी 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगने के कारण बंद रहेगा, यहां दीपदान आज ही किया जा सकेगा. जानें वजह..

डीएनए हिंदीः Ambaji Mandir will be closed on Nov 8 हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली मनाया जाता है लेकिन इस दिन चंद्र ग्रहण लगने की वजह से इसकी तरीखों में उलट फेर किया गया है. ऐसे में देश के कई स्थानों पर देव दीपावली एक दिन पहले यानी आज ही मनाया जा रहा है. देव दीपावली के दिन चंद्र ग्रहण लगने की वजह से 8 नवंबर को अंबाजी मंदिर को बंद रखने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा यहां दीपदान आज ही किया जाएगा और कल यानी 8 नवंबर को मंदिर का कपाट बंद रहेगा. 

आरती के समय में हुआ है बदलवा

अंबाजी मंदिर में सामान्य दिनों में आरती का समय सुबह 6.30 बजे का होता है लेकिन चंद्र ग्रहण लगने के नाते इसमें परिवर्तन कर सुबह 4 बजे कर दिया गया है. आरती के बाद अंबाजी मंदिर का कपाट बंद कर दिया जाएगा जो कि रात नौ बजे तक बंद रहेगा. इसके अलावा शाम 6.30 बजे आयोजित होने वाली आरती रात 9.30 बजे आयोजित की जाएगी और फिर 9 नवंबर से दर्शन तथा आरती का समय यथावत रहेगा.

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आज ही होगा दीपदान  

अंबाजी मंदिर में पूर्णिमा के दिन दीपदान का विशेष महत्व है. ऐसे में 7 नवंबर को ही यहां दीपदान किया जाएगा. अंबाजी मंदिर में पूनम, अमावस्या सहित विभिन्न त्यौहारों पर दर्शन का अपना विशेष महत्व हैं. यहां देश भर से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां दर्शन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सभी बिगड़े काम बन जाते हैं.

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प्राचीन मंदिरों में से है एक 

इस मंदिर के निर्माण के बारे में लोगों में कई तरह की दंतकथायें प्रचलित हैं. कहा जाता है इस मंदिर का निर्माण 1584 से 1594 के बीच हुआ था. इसके अलावा इसके निर्माण में अहमदाबाद के नागर भक्त तपिशंकर का नाम लिया जाता हैं. साथ ही सूर्यवंशी सम्राट वल्लभी के शासक अरुण सेन का नाम भी लिया जाता हैं. कहा जाता है कि उन्होंने चौथी शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण करवाया था.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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