डीएनए हिंदी: कई ऐसे डर बचपन से होते हैं और कई बड़े होने पर पैदा होते हैं. कई बार लोगों में ये डर इतना बढ़ जाता है कि वह अपने डर से जुड़ी चीजें सोच कर भी परेशान हो जाते हैं. असल में ये एक तरह का फोबिया होता है. ज्योतिषशास्त्र में इस फोबिया के पीछे दो ग्रहों को जिम्मेदार माना गया है.
ज्योतिष शास्त्र में चंद्र और राहु को फोबिया या मन में डर का कारण माना गया है. चंद्र और राहु अगर कमजोर हो या कुंडली में नीच अवस्था में हो तो इसक प्रभाव जातक पर डर के रूप में भी नजर आता है. तो चलिए जानें कि इस फोबिया को कैसे नियंत्रित करने के क्या उपाय हैं.
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फोबिया किसी भी चीज से हो सकता है. जानवर, उंचाई, पानी, अनहोनी, गिरने आदि किसी भी चीज का डर मन में समा सकता है. अगर आपको ऐसा हो रहा है तो सबसे पहले अपनी कुंडली की जांच कराएं और चंद्र के साथ राहु को प्रसन्न करने के उपाय करें.
ज्योतिषशास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है और वह मन से जुड़ी समस्याएं पैदा करता है. जब जातक की कुंडली में चंद्रमा की स्थिती खराब होती है तो वह डर, फोबिया जैसी परिस्थितियों को उत्पन्न करता है. राहु को भी मन में डर पैदा करने का कारक ग्रह माना जाता है.
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फोबिये से उबरने के उपाय
- रोज़ सुबह स्नान कर सूर्यदेव को जल दें. इससे जातक का डर भी दूर होता है.
- चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए सोमवार को शिवजी की पूजा करें और रात में चंद्रमा को टकटकी लगाकर देंखें.
- फोबिया हैं तों मांसाहारी तथा नशीली चीजों से दूर रहें.
- हर महीने में पड़ने वाली एकादशी का व्रत करें.