Ganesh Chaturthi 2022 : इन मंत्रों से करें गणेश जी की पूजा और विसर्जन, आएगी सुख-समृद्धि

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 29, 2022, 06:15 PM IST

Ganesh Chaturthi 2022 : अगर आप दस दिन तक गणेश जी की प्रतिमा रखना चाहते हैं तो इन दस मंत्रोंं के साथ पूजा करना सुख लेकर आएगा. ख़ास बात यह है कि दिनों के मंत्रों के अतिरिक्त विसर्जन के मंत्र भी बेहद ज़रूरी माने जाते हैं. जानिए गणेश जी के किन मंत्रों का जाप करना है लाभप्रद.  

डीएनए हिंदी :  (Ganesh ji Mantra ) 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2022) है. सभी देवताओं में गणेश जी की पूजा सबसे पहले होती है. देश के कई हिस्सों में लोग गणेश चतुर्थी के अवसर पर विनायक की प्रतिमा बिठाते हैं. प्रतिमा पूजन की अवधि तीन दिन से दस दिन तक होती है. अगर आप दस दिन तक गणेश जी की प्रतिमा रखना चाहते हैं तो इन दस मंत्रोंं के साथ पूजा करना सुख लेकर आएगा. ख़ास बात यह है कि दिनों के मंत्रों के अतिरिक्त विसर्जन के मंत्र भी बेहद ज़रूरी माने जाते हैं. जानिए गणेश जी के किन मंत्रों का जाप करना है लाभप्रद.  

1.वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

अर्थ - टेढ़ी सूंड़ वाले भगवान् जिनकी दीप्ति हज़ारों सूर्य की तरह है, वे मेरे रास्ते से बाधा हटाकर उसे निर्विघ्न कर दो 

2. ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
अर्थ - एक-दन्त जो हर जगह मौजूद हैं, जिनका सूंड़ टेढ़ा है, उन भगवान् का ध्यान और प्रार्थना करते हैं. उन एक सूंड़ वाले और हाथी दांत वाले देव से प्रार्थना है कि वे हमें  ज्ञान से दीप्त करें


3. ॐ गं गणपतये नमः | 
अर्थ : हे गणपति देवता तुम्हारी जय हो! 

4. ॐ गजाननाय नमः। 


अर्थ : हे गजानन तुम्हारी जय हो 

5. ॐ लम्बोदराय नमः।
अर्थ : लम्बे पेट वाले देवता को नमन है. 

6. ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥ 
अर्थ : ऋण और उधार हरने वाले देवता मेरा उद्धार करें. 

7. ॐ नमो सिद्धि विनायकाय सर्व कार्य कर्त्रे सर्व विघ्न प्रशमनाय सर्व राज्य वश्यकरणाय सर्वजन सर्वस्त्री पुरुष आकर्षणाय श्रीं ॐ स्वाहा ॥
अर्थ : ख़ुशी और ज्ञान के देवता आप सभी प्रयासों को  सफल बनाते हैं. सभी बाधाओं को दूर करते हैं. आपने ब्रह्माण्ड के सभी लोगों को दीप्त किया है. आप सभी जन के आराध्य हैं. 

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8.ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥

एकदन्ताय विद्‌महे ।
वक्रतुण्डाय धीमहि ।
तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥


अर्थ : भगवान् गणेश से प्रार्थना है कि वे दुनिया और इस दुनिया के सभी लोगों को सुख समृद्धि से भरपूर रखें... 

9. ॐ सुमुखाय नमः। 
अर्थ : सुन्दर मुख वाले देवता की जय हो. 

10.  श्री गणेश विसर्जन मंत्र -
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ स्वस्थाने परमेश्वर।
मम पूजा गृहीत्मेवां पुनरागमनाय च॥
अर्थ : हे देवताओं में श्रेष्ठ अपने स्थान पर विराजमान परमेश्वर आपको जा रहे हैं, आपसे अनुरोध है कि मेरे पूजा घर में आप फिर से विराजमान होने के लिए आएं.)

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