गणेश चतुर्थी आने में अब सिर्फ कुछ दिन ही बाकी रह गये हैं. इस बीच भक्त गणपति बप्पा की प्रतिमा घर लाने के लिए तैयारी में जुट गये हैं. इसबार 7 सितंबर शनिवार को गणेशजी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. घर में भगवान की प्रतिमा 10 दिनों तक रखकर उनकी पूजा अर्चना की जाएगी. इसके बाद अनंत चतुर्दशी पर भगवान का विसर्जन किया जाएगी. वहीं कुछ लोग 2 या 3 दिन पूजा करने के बाद ही गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कर देते हैं. आइए जानते हैं कि यह शुभ है या अशुभ और क्या है इसके पीछे की वजह...
ऐसे शुरू हुई गणेश उत्सव की परंपरा
गणेश उत्सव की शुरुआत महान क्रांतिकारी बाल गंगाधर तिलक ने की थी. उन्होंने ही गणेश उत्सव मनाने की परंपरा शुरू की थी. यह सबसे पहले महाराष्ट्र में की गई. इसी के बाद यह धीरे धीरे देश भर में फैल गई. इस उत्सव में क्रांतिकारी गणेश भक्तों के रूप में मिलकर देश को आजाद करवाने की योजनाओं पर विचार करते थे. यहां देशभक्त अंग्रेजों के खिलाफ योजना बनाते थे. इसी वजह से यहां गणेश उत्सव को 1 दिन की जगह 10 दिन मनाया जाने लगा.
2 या 3 दिन में भी कर सकते हैं विसर्जन
बहुत से लोग गणेश प्रतिका की स्थापना करने के 2 3 दिन बाद ही मूर्ति विसर्जन कर देते हैं. इसके लिए मूर्ति स्थापना के समय ही संकल्प लें. ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार के अनुसार, मूर्ति स्थापना के समय ही संकल्प होता है कि हम 2 3 या फिर 10 दिनों तक भगवान गणेश की प्रतिमा घर में रखकर पूजा करेंगे. इसके बाद प्रतिमा को विसार्जित करेंगे. उसी संकल्प के अनुसार विसर्जन किया जाता है. ऐसा करना शुभ होता है. किसी भी तरह का दोष नहीं लगता. साथ ही भगवान गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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