हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का बड़ा महत्व है. इस बार गणेश चतुर्थी शनिवार को मनाई जाएगी. इस दिन भाद्रपद पक्ष की चतुर्थी तिथि है. इसमें भगवान गणेश की मूर्ति घर में विराजमान करना शुभ होता है. गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है और भगवान के प्रिय भोग लगाएं जाते हैं. इस बार रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं, जो गणेश चतुर्थी का महत्व और बढ़ा देते हैं. इन दोनों योग में भगवान की पूजा अर्चना करने से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है. व्यक्ति को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की स्थापना से लेकर शुभ मुहूर्त तिथि और इसका महत्व…
गणेश चतुर्थी की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी की शुरुआत सितंबर माह में 6 सितंबर को होगी. यह अगले दिन 7 सितंबर बर की शाम 5 बजकर 37 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि को देखते हुए भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना और गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाई जाएंगी. इसमें मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 4 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. ऐसे में भक्त पूरे ढ़ाई घंटे भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित कर सकेंगे.
गणेश चतुर्थी पर पूजा के शुभ योग
गणेश चतुर्थी पर भगवान की मूर्ति स्थापना के साथ ही दो ऐसे शुभ योग बन रहे हैं, जिनमें गणपति बप्पा की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण हो जाएगी. इनमें एक योग रवि और दूसरा सर्वार्थ सिद्धि योग है. सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर में 12 बजकर 35 मिनट तक है. इसबीच गणपति बप्पा को घर में विराजमान कर उनकी पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूर्ण हो जाएगी. भगवान की कृपा प्राप्त होगी.
ये है गणेश जी का सिद्ध मंत्र
-ॐ गं गणपतये नम:
-वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ। निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा..
ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्..
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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