Ganesh Chaturthi 2022: 31 अगस्त को है गणेश चतुर्थी, भूलकर भी गणपति को अर्पित न करें ये 5 चीजें

ऋतु सिंह | Updated:Aug 26, 2022, 11:40 AM IST

गणपति की पूजा में वर्जित हैं ये 5 चीजें, चढ़ा दिया तो मिलेगा अशुभ फल

Things Forbidden to Ganpati Puja: गणेश च‍तुर्थी इस बार 31 अगस्‍त यानी बुधवार को हैं. क्‍या आपको पता है कि गणपति जी की पूजा में कुछ चीजें वर्जित मानी गई हैं.

डीएनए हिंदी: प्रथम पूज्‍य भगवान गणपति की पूजा के बिना किसी भी कार्य या अन्‍य ईश्‍वर की पूजा स्‍वीकार्य नहीं होती हैं अगर आप गणपति जी को प्रसन्‍न करना चाहते हैं तो उनकी पूजा में शामिल होने वाली चीजों के बारे में ही नहीं, बल्‍क‍ि उन चीजों के बारे में भी जरूर जान लें जो उन्‍हें चढ़ाना वर्जित माना गया है. 

बता दें कि भगवान शिव की तरह ही भगवान गणेश की पूजा में कुछ पूजनीय चीजों को चढ़ाना मना है. अगर ये चीजें भूल से भी चढ़ा दी गईं तो इसके विपरीत प्रभाव जातक को मिलते हैं. तो चलिए जानें कि गणेश जी को कौन सी पांच चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए. 

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इस साल भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना बुधवार के दिन की जाएगी. क्योंकि गणेश चतुर्थी 31 अगस्त बुधवार से ही प्रारंभ हो रही है. बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए बेहद खास होता है.
गणेश चतुर्थी 2022 कब है? (Ganesh Chaturthi 2022 Date)
गणेश चतुर्थी तिथि प्रारम्भ : 30 अगस्त 2022 को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट से.
गणेश चतुर्थी तिथि समाप्त : 31 अगस्त 2022 को दोपहर 03 बजकर 22 मिनट तक.
गणेश चतुर्थी व्रत : 31 अगस्त 2022

गणपति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त
इस साल भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना बुधवार के दिन की जाएगी. क्योंकि गणेश चतुर्थी 31 अगस्त बुधवार से ही प्रारंभ हो रही है. बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए बेहद खास होता है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 30 अगस्त दोपहर से शुरू होकर 31 अगस्त दोपहर 03:23 में समाप्त हो जाएगी. इसलिए चतुर्थी पूजन एवं गणपति स्थापना के लिए 31 अगस्त दोपहर करीब साढ़े तीन बजे तक का समय शुभ रहेगा.

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गणेशजी को न करें ये 5 चीजें अर्पित
 

तुलसी- भगवान गणेशजी को भूलकर भी तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए. तुलसी विष्णु प्रिया मानी जाती हैं.

टूटे और सूखे चावल- टूटे या सूखे चावल बिलकुल न चढ़ाएं. गणपति जी को हमेशा साबूत और गीले चावल चढ़ाने चाहिए.

सफेद जनेऊ: सफेद वस्त्र या जनेऊ गणेश जी को सफेद जनेऊ भी अर्पित नहीं करते हैं. जनेऊ को हल्दी में पीला करके ही उन्हें अर्पित करें. इसी प्रकार उन्हें सफेद वस्त्र भी नहीं पहनाए जाते हैं.

सफेद चंदन-गणेजी को सफेद चंदन के बजाए पीला चंदर अर्पित करें या पीला चंदन लगाएं.

केतकी के फूल- गणेशजी को कभी भी सूखे फूल अर्पित नहीं करना हैं. सूखे फूल अर्पित करना अशुभ होता है.

गणेश चतुर्थी की क्या है पूजा-विधि?
गणेश चतुर्थी के दिन गणेश पूजा आरंभ करने से पहले स्नान करने के साथ साफ वस्त्र धारण करने चाहिए. इसके बाद गणेश के समक्ष बैठकर पूजा शुरू करनी चाहिए. भगवान गणेश का गंगा जल से अभिषेक के साथ उनको अक्षत, फूल, दूर्वा घास, मोदक आदि अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने के बाद बप्पा के सामने धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं. गणेश की आरती और मंत्रों का जाप करें

गणपति को क्‍या चीज जरूर अर्पित करें
गणपति जी को दुर्वा यानी दूब की खास जरूर चढ़ाना चाहिए. साथ ही कच्‍ची हल्‍दी, लड्डू, मोदक, श्रीफल,पीले फूल-वस्‍त्र जरूर चढ़ाएं.  


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