Ganga Dussehra 2023: आज है गंगा दशहरा, जानें शुभ-मुहूर्त से लेकर पूजा विधि और हस्त नक्षत्र में स्नान के फायदे 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 30, 2023, 06:03 AM IST

इस बार गंगा दशहरा मई के आखिरी हफ्ते में मनाया जाएगा. इस दिन गंगा जी नहाने से बहुत ही लाभ मिलता है. हस्त नक्षत्र में स्नान करने से 10 तरह के पापों से मुक्ति मिलती है.

डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म में गंगा को सबसे पवित्र नदी का स्थान दिया गया है. गंगा को मां का दर्जा दिया गया है. इसी​लिए गंगा स्नान का बहुत ज्यादा महत्व है. मान्यता है गंगा जी में डुबकी लगाने मात्र से ही मनुष्य कई पाप और द्वेष खत्म हो जाते हैं. यही वजह है कि किसी भी त्योहार से लेकर एकादशी पर गंगा जी नहाने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुट जाती है. इसी तरह मई के आखिरी हफ्ते में आने वाले गंगा दशहरा पर गंगा स्नान का बहुत ही लाभ मिलता है. यह त्योहार ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है. इस बार गंगा दशहरा 30 मई को मनाया जाएगा. ऐसे में शुभ मुहूर्त पर गंगा स्नान करने से जीवन के संकट, पाप और दोष कट जाते हैं. इसके अगले ही दिन एकादशी है. आइए जानते हैं दशहरा का शुभ मुहूर्त...

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29 मई से लग जाएगी दशमी

ज्येष्ठ महीने में शुक्ल पक्ष की दशमी यानी गंगा दशहर की शुरुआत 29 मई को हो जाएगी. सुबह 11 बजकर 29 मिनट से लेकर अगले दिन 30 मई दोपहर 1 बजकर 7 मिनट तक रहेगी. हालां​कि गंगा दशहरा 30 मई को मनाया जाएगा. बताया जाता है कि इस दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी लोक पर आई थी. यही वजह है कि इस दिन मां गंगा की पूजा अर्चना से लेकर गंगा जी में स्नान करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती है और पाप खत्म हो जाते हैं.

हस्त नक्षण में स्नान और पूजा करना होता है सबसे शुभ

गंगा दशहरा दिन हस्त नक्षत्र बहुत  ज्यादा महत्व माना जाता है. इसका जिक्र ब्रह्मपुराण में किया गया. इस नक्षत्र में गंगा स्नान करने से पाप, दोष, खत्म हो जाते हैं. स्नान करते ही इन पापों से मुक्ति मिल जाती है.

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यह है हस्त नक्षत्र का शुभ मुहूर्त और दिन

हस्त्र नक्षत्र की शुरुआत 30 मई 2023  को सुबह 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 31 मई 2023 को सुबह 6 बजे तक रहेगा. वहीं स्नान, पूजा अर्चना और दान का समय सुबह 4 बजे से 4 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. 

गंगा दहशहरा पर ऐसे करें पूजा

गंगा दशहरा पर गंगा जी में स्नान के साथ पूजा अर्चना करें. इसके साथ ही आचमन करना चाहिए. अगर गंगा जी नहीं जा पाएं हैं तो घर पर ही सुबह उठकर नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगा ​जल मिलाकर स्नार कर लें. ऐसा करने से गंगा स्नान का ही महत्व मिलता है. स्नान के बाद पूजा अर्चना की शुरुआत से पहले दूध ओर गंगा जल से मां गंगा की पूजा करें. इसके बाद मां की धूप दीप जलाकर आराधना करें. मां से अपनी मनोकामना मांगे.विधि विधान से पूजा करने पर मां गंगा सभी इच्छाओं की पूर्ति करती हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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