डीएनए हिंदी: जीवन में धन संपत्ति के अलावा हर व्यक्ति के लिए उसका मान सम्मान भी बहुत ही अहमियत रखता है. हर कोई चाहता है कि समाज में उसे इज्जत दी जाए और लोग अदब से उनका नाम लें. बहुत से लोग अपने मान सम्मान के लिए ही सब कुछ दाव पर लगा देते हैं. वहीं कुछ लोगों को जिंदगी भर अपमानित होना पड़ता है. इससे उनका जीवन बद से बदतर हो जाता है. यही वजह है कि समाज से लेकर गरुड़ पुराण में भी बताया गया है कि जो लोग अच्छे कर्म करते हैं. उन्हें मान सम्मान मिलता है. मौत के बाद भी लोग उन्हें याद करते हैं. उनके अच्छे कर्म और लोगों द्वारा उनकी भलाई बखान स्वर्ग लेकर जाता है. वहीं जो लोग उल्टे सीधे कर्म करते हैं. उनकी मौत के बाद तक परिवार के सदस्यों को अपमान सहना पड़ता है.
गरुड़ पुराण में ऐसे कर्मों के बारें बताया गया है, जिन्हें करने पर व्यक्ति को अपमान का सामना करना पड़ता है. यह काम आपकी साख को कमजोर कर देते हैं. ऐसे लोगों को न चाहते हुए भी अपमान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अगर आप भी अपना मान सम्मान बनाएं रखना चाहते हैं तो भूलकर भी इन कामों को नहीं करना चाहिए. इससे आपका मान सम्मान बना रहेगा. समाज में आपके साथ ही परिवार भी सर उठाकर जी पाएगा. आइए जानते हैं कौन से काम नहीं करने चाहिए...
अच्छी आर्थिक क्षमता होने पर भी दान न करना
अगर आपके पास खूब पैसा और धन दौलत है. इसके बाद भी किसी गरीब को दान नहीं करते हैं. आपके दरवाजे से कोई भूखा लौट रहा है तो यह स्थिति आपके लिए अच्छी नहीं है. ऐसा करने से समाज में आपको कंजूस की संज्ञा मिलती है, जो आपके मान सम्मान को नीचे गिराती है. गरुड़ पुराण में भी कहा गया कि हर व्यक्ति को अपनी आर्थिक स्थिति के हिसाब से दान जरूर करना चाहिए. इससे आपके धन में तो वृद्धि होती ही है. यह आपके मान सम्मान में बढ़ोतरी भी कराता है.
बुरी आदत और संगत
आप बहुत धनवान और करोड़ों रुपये की संपत्ति के मालिक हैं. साथ ही बुरी आदतों के आदि हैं या बुरी संगत में बैठते हैं तो इन्हें तुरंत छोड़ दें. यह आपके मान सम्मान को नुकसान पहुंचाता है. ऐसे लोगों अपमानित होना पड़ता है. इसलिए संगत का ध्यान रखकर अच्छी और गुणी लोगों के पास बैठें.
संतान का बात नहीं मानना
जिन लोगों की संतान यानी बच्चे उनकी बात नहीं मानते हैं. माता पिता की दूसरों के सामने इज्जत नहीं करते हैं. ऐसे माता पिता को अपमान का सामना करना पड़ता है. ऐसा परिवार भी जल्द ही बर्बाद हो जाता है. इसका एक उदाहरण महाभारत काल में दुर्योधन की वजह से ही धृतराष्ट का परिवार और उनका राजकाट बर्बाद हो गया था. इसलिए बच्चों में अच्छे संस्कार देने चाहिए. उन्हें शिष्टाचार सिखाना चाहिए.
दूसरों का बुरा करना
अगर आप किसी दूसरे का नुकसान पहुंचाने की मंशा से कार्य कर रहे हैं. इसके लिए अपनी गरीमा को लांघ रहे हैं. ऐसे लोगों को मृत्यु के बाद भी आपमानित होना पड़ता है. उनके परिवार को भी इसका हर्जाना भरना पड़ता है. उन्हें अपमान का सामना करना पड़ता है. इसलिए कभी भी किसी का बुरा नहीं करना चाहिए.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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