डीएनए हिंदी: (Garud Puran) जिस भी व्यक्ति ने इस संसार में जन्म लिया है. उसकी मौत भी निश्चीत है. यही वजह है कि मृत्यु को संसार का बड़ा सत्य कहा गया है. गरुड़ पुराण में इसके विषय में वर्णन भी किया गया है. कब कैसा होता है और क्या नहीं. इस संबंध में भगवान विष्णु ने मृत्यु और उसके बाद की स्थितियों के बारें में बताया है, जिसे गरुड़ पुराण में पढ़कर बताया जाता है. गरुड़ पुराण का जाप किसी भी व्यक्ति की मौत के बाद किया जाता है. इसे सुनना बहुत ही अच्छा माना जाता है. साथ ही इसमें व्यक्ति के कर्म के अनुसार, स्वर्ग और नर्क भोगने के विषय में भी बताया गया है. मृतक से जुड़ी चीजों को लेकर भी कई सारी बातें कहीं गई है.
इसमें बताया गया है कि मृत्यु के बाद सिर्फ शरीर नष्ट होता है, लेकिन व्यक्ति की आत्मा अजर और अमर रहती है. वह कभी नहीं मरती है. वहीं जब भी किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होती है. परिवार के लोग स्नेह और प्यार की वजह से उनकी कुछ चीजों को याद के रूप में अपने पास रख लेते हैं. इन्हीं में से कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो मृतक के कपड़ों को रखकर उनका इस्तेमाल भी करते हैं. बहुत से लोग इन चीजों को किसी गरीब व्यक्ति को दान में दे देते हैं.
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आइए जानते हैं मृतक की किन चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति की किन चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. इससे दोष लगने के साथ ही नकारात्मकत एनर्जी का खतरा बना रहा है. व्यक्ति को बीमारी घेर कर सकती है. इसे बचने के लिए किसी भी मृत व्यक्ति के कपड़े, गहने या फिर उनकी कोई भी पसंदीदा चीज को नहीं रखना चाहिए.
क्यों नहीं पहनने चाहिए मृतक व्यक्ति के कपड़े
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृतक व्यक्ति के कपड़ों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसकी वजह मौत के बाद आत्मा शरीर तो त्याग देती है, लेकिन भौतिक संसार का मोह नहीं त्याग पाती. वह अपनों के बीच ही फंसी रहती है. इसलिए कई बार आत्मा को मुक्ति भी नहीं मिल पाती. यही वजह है कि मृतक से जुड़ी चीजों को इस्तेमाल करने की जगह दान करना अच्छा होता है.
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व्यक्ति को आकर्षित करती है आत्मा
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृतक के कपड़ों को पहनने पर जीवात्मा उक्त व्यक्ति को आकर्षित करती है. ऐसे में व्यक्ति को अलग तरह की ऊर्जा का अनुभव होने लगता है. इसलिए कई लोग मृतक के कपड़ों को रखने के बजाय इसे दान कर दें. मृतक की घड़ी का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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