Gayatri Mantra Chant Benefits: हिंदू धर्म में पूजा पाठ के साथ ही मंत्रों के जाप का विशेष महत्व होता है. कोई भी पूजा से लेकर हवन तक बिन मंत्रों के अधूरा माना जाता है. इतना ही नहीं, मंत्रों का जाप नियमित रूप से करने से न सिर्फ भाग्य को चमकता है. यह तनाव और शारीरिक रोगों से भी छुटकारा दिला देता है. मंत्रों के जाप से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. सभी मंत्रों में गायत्री मंत्र के जाप की महिमा अद्भुत बताई गई है. गायत्री मंत्र को महामंत्र की संज्ञा दी गई है. इसके जाप से अनेकों लाभ प्राप्त होते हैं, लेकिन गायत्री मंत्र जाप के भी कई नियम होते हैं. इनका पालन करने के बाद ही व्यक्ति को लाभ प्राप्त होता है. आइए जानते हैं गायत्री मंत्र जाप का नियम और फायदे...
वेदों का सार माना जाता है गायत्री मंत्र
गायत्री मंत्र को वेदों का सार माना गया है. इस मंत्र को जाप करने से न सिर्फ भगवान प्रसन्न होते हैं. इसके जाप से मन, शरीर और आत्मा भी शुद्ध हो जाती है. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. आइए जानते हैं इस मंत्र को जाप करने के नियम और फायदे.
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्. इस मंत्र का अर्थ है कि हे ये प्रभु सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा जिसके तेज का हम ध्यान करते हैं, उस परमात्मा का तेज हमारी बुद्धि को सतमार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करे.
यह है गायत्री मंत्र जाप के नियम
- महामंत्रों में से एक गायत्री मंत्र है. इसका जाप हमेशा सुबह स्नान करने के बाद पीले वस्त्र धारण करके ही करना चाहिए. कभी भी गहरे या काले रंग के कपड़े पहनकर गायत्री मंत्र का जाप न करें. साथ ही इस मंत्र का जाप दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके न करें.
- गायत्री मंत्र का जाप पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके करना उत्तम माना जाता है. ऐसा करने से जीवन के कष्ट और समस्याएं खत्म हो जाती हैं.
- गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय से कम से कम दो घंटे पहले और सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक कर सकते हैं. साथ ही ध्यान रखें कि गायत्री मंत्र का जाप रात में नहीं किया जाता है. रात में गायत्री मंत्र जाप से लाभ प्राप्त नहीं होता.
- किसी भी व्यक्ति को मांस, मछली या शराब पीने के बाद गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए. यह दोष प्रकट करता है. इससे मंत्र जाप के शुभ की जगह अशुभ प्रभाव पड़ते हैं. ऐसा करना अशुद्ध माना जाता है.
- ध्यान रखें कि गायत्री मंत्र का जाप सही और स्पष्ट रूप से करें. जल्दबाजी में गायत्री मंत्र का जाप न करें. कम से कम 108 बार इस मंत्र का जाप करें. साथ ही रुद्राक्ष या मौली का प्रयोग करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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