Gemmology: जानिए किस उंगली में पहना जाए किस ग्रह के लिए कौन सा रत्न

Written By ऋतु सिंह | Updated: Jul 23, 2022, 02:57 PM IST

जानिए किस ग्रह के लिए पहना जाता है किस दिन, कौन सा रत्न

 

Wear Gemstones according to planets : ग्रहों को मजबूत और शक्तिशाली बनाने का काम रत्‍न करते हैं. वहीं कई बार इन रत्‍नों को ग्रहों के बुरे प्रभाव से बचने के लिए भी पहना जाता है. तो चलिए जानें कि किस ग्रह का कौन सा रत्‍न होता है और किस दिन किस उंगली में इसे धारण करना चाहिए.

डीएनए हिंदी: ग्रहों का असर जातक के जीवन में गहरा होता है. ग्रह अगर मजबूत और अच्‍छी दशा में कुंडली में हों तो उसका सकारात्‍मक असर होता है लेकिन ग्रह कमजोर हो तो इसके विपरीत प्रभाव मिलते हैं. ऐसे में  रत्‍नों को कभी तो ग्रहों को मजबूत बनाने तो कभी उनके दुष्‍प्रभाव को कम करने के लिए रत्‍नों को धारण किया जाता है.

हर ग्रह का अपना एक रत्‍न है और इस रत्‍न को धारण करने के नियम और दिन भी अलग-अलग होते हैं. तो चलिए आज आपको इस खबर में बताएं कि किस ग्रह का कौन सा रत्‍न है और उसे किस उंगली में किस दिन पहनने से ही लाभ मिलता है. 

यह भी पढ़ें:  Astro Knowledge : कुंडली मिलान के बाद भी क्यों टूटते हैं रिश्ते, ये होती है बड़ी वजह 

सूर्य का रत्‍न
सूर्य का रत्‍न होता है माणिक्‍य. इस रत्‍न को रविवार के दिन रिंग फिंगर यानी अनामिका उंगली में धारण करना होता है. इसे सूर्योदय होने के साथ पहना चाहिए. माणिक्‍य को सोने के साथ पहनना चाहिए.

चंद्रमा का रत्‍न
चंद्रमा करत्‍न मोती होता है और इसे सोमवार के दिन चंद्रोदय के समय पहनना चाहिए. मोती चांदी में हमेशा छोटी उंगली में पहनना चाहिए. 

मंगल का रत्‍न
मंगल का रत्‍न मूंगा है और इसे मंगलवार के दिन रिंग फिंगर में धारण करना चाहिए. कोशिश करें कि इसे मंगलवार की शाम को पहने इससे शुभ फल मिलता है.

बुध का रत्‍न 
बुधर का रत्‍न पन्ना होता है. हरे रंग का पन्‍ना बुधवार की दोपहर 12:00 बजे से लेकर 2:00 बजे के बीच कभी भी पहन जा सकता है. इसे छोटी उंगली  यानी कानिष्‍ठ उंगली में पहनना चाहिए. 

गुरु बृहस्पति का रत्‍न
गुरु ग्रह का रत्‍न पुखराज होता है. इसे गुरुवार के दिन सुबह 10 से 12 बजे के बीच इंडेक्स फिंगर यानी तर्जनी उंगली में पहनना चाहिए. इसे सोने में पहनना चाहिए. 

यह भी पढ़ें: Lizard in Dreams : सपने में दिखे छिपकली तो क्या है भाग्य का इशारा, जानिए

शुक्र का रत्‍न 
शुक्र का रत्‍न हीरा होता है और इसे सोने में पहना चाहिए. शुक्रवार की सुबह 10 से 12 बजे के बीच मध्यम यानी मिडिल फिंगर में हीरा पहनना चाहिए.

शनि का रत्‍न
शन‍ि का रत्‍न नीलम होता है और इसे मध्यम उंगली में शनिवार को धारण करना चाहिए. इसके अलावा शन‍ि के लिए लोहा भी धारण कर सकते हैं. इसे रिंग फिंगर के बगल वाली यानी बीच वाली उंगली में पहनना होता है. 

राहु केतु का रत्‍न

शनिवार वाले दिन ही राहु-केतु के लिए मध्यम उंगली में गोमेद धारण करना चाहिए. इसके अतिरिक्‍त सुलेमानी हकीक रत्न को हकीक, अकीक और अगेट के नाम से भी जाना जाता है. हकीक कई ग्रहों का उपरत्न है. यह रत्न राहु, केतु और शनि के दोषों को कम करने में मददगार साबित होता है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर