डीएनए हिंदी: पुखराज बृहस्पति ग्रह का रत्न माना जाता है और गुरु बृहस्पति ज्ञान, भाग्य, समृद्धि और खुशी प्रदान करने वाले देव माने गए हैं. कुंडली में अगर गुरु अस्त, कमजोर हो तो पुखराज पहनने की सलाह दी जाती है. पुखराज रत्न धनु राशि एवं मीन राशि वालों का प्रतिनिधित्व करता है. इसके पहनने से ज्ञान में वृद्धि होती है. धन और सौभाग्य का कारक पुखराज रत्न हर किसी के लिए नहीं हेाता है. इस रत्न से वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, कुंभ राशि व लग्न वाले लोगों को पहनने से बचना चाहिए. यदि पहन रहे तो किसी ज्योतिष की सलाह पर कुंडली या हाथ को देखकर पहनना चाहिए.
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पुखराज पहनने के फायदे
यह रत्न उन लोगों को पहनना चाहिए जिनके विवाह में देर हो रही या बाधाएं आती रहती हैं. वहीं, मीन और धनु राशि वालों के लिए भी पुखराज बहुत लाभकारी माना जाता है. पुखराज धारण करने से पेट से जुड़ी हर समस्या दूर हो जाती है. धार्मिक, आध्यात्मिक कानूनी पेशे से जुड़े, उच्च शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल और प्रशासनिक सेवाओं से जुडे़ लोगों को पुखराज जरूर पहनना चाहिए. इससे उनके प्रभाव और सम्मन का विकास होता है.
पुखराज धारण करने की विधि
पुखराज हमेशा सोने में पहना चाहिए और कम से कम 7 रत्ती का होना चाहिए. इसे शुक्ल पक्ष के किसी भी बृहस्पतिवार को सूर्योदय से पूर्व धारण करना चाहिए. रत्न को धारण करने से पूर्व अंगुठी को गंगाजल, दूध, शहद, तुलसी और शक्कर के घोल में डाल दें, फिर 11 या 5 अगरबत्ती ब्रहस्पतिदेव के नाम जलाएं और अंगूठी को 108 बार अगरबत्ती के ऊपर घुमाते हुए 'ॐ ब्रह्म बृह्स्पतिये नम:' का जाप करें. फिर अंगूठी को विष्णु के चरणों से स्पर्श कराए और तर्जनी (अंगूठे की बगल वाली) में धारण कर लें.
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पुखराज धारण धारण करने के नुकसान भी जानें
अगर आप ऐसी राशि से जुड़े हैं जिसके लिए पुखराज नहीं बना और आप धारण कर लेते हैं तो इससे अहंकार आ जाता है. जातक में मोटापा या पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं. हाइपर एसिडिटी और गैस जैसी समस्या बन सकती है. धन हानि हो सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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