डीएनए हिंदी : Gemstone And Astrology- व्यक्ति की कुंडली में ग्रह-दशाओं की स्थिति को अनुकूल बनाने के लिए ज्योतिष द्वारा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. रत्न शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र में रत्नों को बेहद खास और महत्वपूर्ण माना जाता है. इसमें 9 रत्नों और 84 उपरत्नों के बारे में जिक्र मिलता है जो कि किसी न किसी ग्रह से संबंधित है. कई लोग इन रत्नों को अपने मन से पहन लेते हैं तो कुछ लोग इसे फैशन के लिए पहनते हैं. लेकिन, ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि हर रत्न को धारण करने के कुछ नियम-कायदे हैं. ऐसे में इन नियमों को नजरअंदाज करने से इसका उल्टा असर (Impact of Gemstones) पड़ सकता है. इसलिए किसी भी रत्न को ज्योतिषी सलाह लेने के बाद पूरे विधि-विधान और नियम के साथ ही धारण करना चाहिए. चलिए जानते हैं इसके बारे में.
गलत रत्न धारण करना आपके लिए बन सकता है मुसीबत (Wearing The Wrong Gemstones Can Land You In Trouble)
रत्न बिल्कुल दवाओं की तरह होते हैं. जिस तरह गलत बीमारी में गलत दवा खाने से साइड इफेक्ट होते हैं वैसे ही जाने-अनजाने में गलत रत्न गलत विधि से धारण किया जाए तो वह रत्न आपके लिए मुसीबत बन सकता है. गलत रत्न धारण करने के कई दुष्प्रभाव होते हैं इसलिए कोई भी रत्न धारण करने से पहले किसी ज्योतिष की सलाह जरूर लें.
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किस रत्न के साथ कौन सा रत्न नहीं करना चाहिए धारण (Do Not Wear These Gemstones Together)
मोती के साथ
कभी भी मोती के साथ हीरा, पन्ना, गोमेद, लहसुनिया और नीलम रत्न नहीं धारण करना चाहिए. इससे मानसिक तनाव बढ़ता है और तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
पन्ना के साथ
जिन लोगों ने पन्ना धारण किया है उन्हें पुखराज, मूंगा और मोती नहीं पहनना चाहिए. इससे धन-संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं जिससे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है.
लहसुनिया रत्न
लहसुनिया रत्न के साथ कभी भी माणिक्य, मूंगा, पुखराज और मोती नहीं धारण करना चाहिए. ऐसा करने से आपको जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
नीलम के साथ
नीलम रत्न के साथ मूंगा, माणिक्य, मोती और पुखराज रत्न कभी नहीं पहनना चाहिए. ऐसे करने से जीवन में ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसलिए नीलम के साथ इन रत्नों को धारण करने से बचें.
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रत्न धारण करते समय इन खास बातों का रखें ध्यान (Before Wearing Any Gemstone Know These Things)
कोई भी रत्न धारण करने के बाद उसे बार-बार ऊंगली से नहीं निकालना चाहिए. ऐसा करने से रत्न का प्रभाव कम हो जाता है और रत्न सिद्ध नहीं हो पाता है.
भूलकर भी टूटी फूटी या खंडित रत्न नहीं धारण करना चाहिए. ऐसा करने से आपको रत्न का लाभ नहीं मिल पाएगा इसके अलावा आप तमाम तरह की समस्याओं से घिर जाएंगे.
रत्न को कभी भी अमावस्या, ग्रहण और संक्रांति के दिन नहीं धारण करना चाहिए. इन दिनों में रत्न धारण करना अशुभ माना जाता है. इस दिन रत्नों को धारण करने से ग्रह दोष का प्रभाव भी बढ़ सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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