डीएनए हिंदी: जिस तरह अच्छे कर्म और पूजा पाठ हमें नकारात्मकता से दूर करती है. उसी तरह रत्न भी ग्रहों के अशुभ प्रभाव, बाधाओं को हटाकर जीवन में तरक्की और समस्याओं को खत्म करने में मदद करते हैं रत्न विज्ञान के अनुसार, हर राशि के हिसाब से एक अलग रत्न होता है. इसके अलग अलग फायदे और धारण करने के तरीके हो सकते हैं. इनके प्रभाव भी इसी प्रकार दिखाई देते हैं. हर रत्न का अलग प्रभाव और राशि होती है.
इसी तरह ज्योतिष शास्त्र में पन्ना रत्न को बुध ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना गया है. इसे संस्कृत मर्कत और हिंदी में पन्ना कहते हैं. शास्त्रों की मानें तो यह रत्न छात्रों के लिए बहुत ही फलदायक माना जाता है. यह बुद्धि को तेज करता है साथ ही मेमोरी बढ़ाता है. इतना ही नहीं यह रत्न व्यापार में तरक्की और पैसों की वर्षा करता है. आइए जानते हैं इसे कब, किसे और कैसे धारण किया जाता है.
पन्ना धारण करने के लाभ
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रत्न शास्त्रों के अनुसार, पन्ना रत्न को धारण करने से व्यापार में लाभ होता है. इसके साथ ही बच्चों का पढ़ाई में मन लगता है. यह रत्न आंखों संबंधित बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए फायदेमंद होता है. यह बीमारी के प्रभाव को कम करता है. इसके साथ ही तोतले या फिर सही उच्चारण नहीं कर पाने वाले लोागें के लिए पन्ना रत्न धारण करने पर लाभ होता है. मीडिया से जुड़े लोगों के लिए भी यह रत्न बेहद फायदेमंद होता है.
इन राशियों के लोग धारण कर सकते हैं पन्ना
ज्योतिष शास्त्र अनुसार, मिथुन और कन्या राशि जातक पन्ना रत्न पहन सकते हैं. इन्हें पन्ना रत्न पहनना फलदायी होता है. हालांकि इसे धारण करने से पहले ज्योतिष से परामर्श जरूर लें. पन्ना तुला, मकर और कुंभ राशि के लोग भी पहन सकते हैं. मेष, कर्क और वृश्चिक राशि के लोगों को यह रत्न भूलकर भी धारण नहीं करना चाहिए.
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ये है पन्ना धारण करने के सही नियम
पन्ना रत्न को चांदी या सोने की अंगूठी में जड़वाकर हाथ की सबसे छोटी उंगली में पहनना शुभ होता है. इसे बुधवार के दिन ही धारण करना चाहिए. इसके साथ ही पन्ना कम से कम सवा सात कैरेट का होना चाहिए. इसे गंगाजल, शहर, मिश्री व दूध के मिश्रण में डुबाकर रख दें. इसके बाद बुधवार के दिन सुबह नहाकर पूजा अर्चना करने के बाद इसे धारण कर लें. इसे जीवन में सफलता मिलती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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