Ratna Shastra: भूलकर भी इन रत्नों को साथ में न करें धारण, साइड इफेक्ट्स कर देंगे बर्बाद

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Apr 14, 2023, 10:59 AM IST

Ratna Shastra

Ratna Shastra: व्यक्ति जाने-अनजाने में रत्न धारण करते समय कोई गलती कर दें तो उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

डीएनए हिंदी: ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) में कुंडली की ग्रह दशाओं के कारण व्यक्ति की परेशानी को दूर करने के कई उपाय बताए गए हैं. ज्योतिषीय के अनुसार रत्न शास्त्र (Ratna Shastra) में भी कई ऐसे रत्नों के बारे में बताया गया है जिन्हें धारण करने की सलाह दी जाती है. व्यक्ति को रत्न हमेशा किसी ज्योतिष की सलाह पर ही धारण करना चाहिए. रत्न शास्त्र (Ratna Shastra) में 9 रत्नों और 84 उपरत्नों के बारे में बताया गया है.

रत्न (Ratna Shastra) को धारण करने से व्यक्ति की समस्याएं दूर होती हैं. हालांकि कई बार रत्नों के साइड इफेक्ट्स (Gemstone Side Effects) भी देखने को मिलते हैं. यदि व्यक्ति जाने-अनजाने में रत्न धारण करते समय कोई गलती कर दें तो उसे समस्याओं का सामना करना पड़ता है. रत्नों के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए  जरूरी है कि रत्न धारण करने से पहले इनके सभी नियमों (Gemstone Wearing Rules) को जान लिया जाए.

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इन रत्नों को न पहने एक साथ हो सकती है समस्या
मोती - जिन लोगों ने मोती रत्न धारण कर रखा हो उन्हें भूलकर भी हीरा, पन्ना, गोमेद, लहसुनिया और नीलम रत्न नहीं पहनना चाहिए. इन्हें एक साथ धारण करने से मानसिक तनाव की समस्या होती है.
पन्ना - पन्ना धारण करने वालों को पुखराज, मूंगा और मोती रत्न धारण नहीं करना चाहिए. यह आपको आर्थिक रूप से परेशान कर सकता है.
लहसुनिया - व्यक्ति को लहसुनिया रत्न के साथ माणिक्य, मूंगा, पुखराज और मोती धारण नहीं करना चाहिए. यह जीवन में समस्याओं को बढ़ा देता है.
नीलम रत्न - नीलम के साथ मूंगा, माणिक्य, मोती और पुखराज रत्न धारण न करें. इससे जीवन पर ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं.

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रत्न धारण करने के नियम (Gemstone Wearing Rules)
- रत्न हमेशा कुंडली का विश्लेषण कराने के बाद किसी ज्योतिषीय की सलाह पर ही धारण करें. रत्न धारण करने से लेकर खरीदने तक के लिए शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है.
- रत्न खरीदते समय भी ज्योतिषीय की सलाह अवश्य लें. रत्न का रंग, आकार, वजन और शुद्धा सभी आपकी कुंडली के अनुसार होने चाहिए.
- रत्न को हमेशा संबंधित ग्रह के शुभ दिन ही धारण करना चाहिए. रत्न शुभ नक्षत्र और शुभ मुहूर्त देखकर ही धारण करें.
- रत्न धारण करने के बाद इसे बार बार निकालना नहीं चाहिए. ऐसे में रत्न का प्रभाव कम हो जाता है. टूटे हुए और खंडित रत्न भी धारण नहीं करने चाहिए.
- अमावस्या, ग्रहण और संक्रांति के दिन रत्न धारण करने से बचना चाहिए. इन दिनों रत्न धारण करना अशुभ होता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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