आज पूरे देश में दीपोत्सव का पावन पर्व मनाया जा (Diwali 2024) रहा है, इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के पूजन का विशेष (Diwali Puja Mahatva) महत्व है. मान्यता है कि कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) प्रकट हुई थीं और तभी से हर साल कार्तिक अमावस्या तिथि पर प्रदोष काल में दिवाली पर लक्ष्मी पूजन की परंपरा चली आ रही है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन मां लक्ष्मी रात के समय धरती पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों को धन-संपन्नता का शुभ आशीर्वाद प्रदान करती हैं. आइए जानते हैं इस दिन रात में किस समय मां लक्ष्मी घर आती हैं और दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश के पूजन का महत्व क्या है?
दिवाली पर किस समय घर आती हैं मां लक्ष्मी?
पंडित प्रदीप मिश्रा वाराह पुराण का हवाला देते हुए कहते हैं कि दिवाली के दिन माता लक्ष्मी शाम को करीब 7 बजे से 9 बजे के बीच माता लक्ष्मी घर आती हैं. मान्यता है कि इसी समय दरिद्रता की देवी भी भ्रमण को निकलती हैं.
ऐसे में जिस घर में आलस्य, गंदगी, महिलाओं का अपमान या उनके साथ दुर्व्यहार होता है वहां प्रवेश करती हैं. वहीं जहां साफ-सफाई और धर्म व संस्कार को महत्व दिया जाता है, उस घर में मां लक्ष्मी प्रवेश करती हैं.
लक्ष्मी गणेश पूजन का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी की पूजा से केवल धन ही नहीं बल्कि नाम और यश भी मिलता है और दांपत्य जीवन भी बेहतर होता है. वहीं इस दिन गणपति पूजन से हर तरह की बाधा दूर होती है और संतान की आयु की रक्षा होती है. साथ ही इस दिन श्री गणेश के पूजन से संतान को शिक्षा में उन्नति मिलती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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