Govardhan Puja 2024 Date: इस बार किस दिन होगी गोवर्धन पूजा, जानें सही तारीख से लेकर शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

Written By नितिन शर्मा | Updated: Oct 25, 2024, 09:03 AM IST

दिवाली के बाद ही गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है. गोवर्धन पूजा को कुछ जगहों पर अन्नकूट भी कहा जाता है. इस दिन भगवान की पूजा अर्चना से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होते हैं.

Govardhan Puja 2024 Date: दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा की जाती है. इस त्योहार को हिंदू धर्म में बहुत ही विशेष माना जाता है. यह दिवाली के पांच दिवसीय त्योहारों में से एक है. गोवर्धन हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. इसमें गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत उठाते श्रीकृष्ण की तस्वीर बनाई जाती हैं. वहीं कुछ जगहों पर इन्हें अन्नकूट के नाम से पूजा जाती है. इसके बाद विधि-विधान से उनकी पूजा की जाती है. इस बार दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा की जाएगी, लेकिन ​तिथि और तारीख को लेकर असमंजस की वजह बनी हुई है. इस बार दिवाली भी आगे पीछे हो रही है. ऐसे में गोवर्धन पूजा 1 नवंबर को होगी या 2 नवंबर को, इसको लेकर लोग असमंजस में है. अगर आपकी भी यही स्थिति है तो आइए जानते हैं इस बार गोवर्धन पूजा की तारीख से लेकर इसका शुभ मुहूर्त और महत्व...

इस दिन की जाएगी गोवर्धन पूजा 2024 (Govardhan Puja)

दरअसल तिथि अनुसार, गोवर्धन पूजा हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाएगी, लेकिन इस बाद दिवाली की वजह से गोवर्धन पूज की तारीख को लेकर भी लोग असमंजस की स्थिति में है. तारीख को लेरक संशय बन हुआ है. अगर आप भी इसी संशय में हैं तो बता दें कि इस बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर की शाम 6 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 2 नवंबर को रात 8 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के चलते गोवर्धन पूजा 2 नवंबर 2024 को ही की जाएगी. 

यह गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त (Govardhan Puja Shubh Muhurat)

गोवर्धन पूजा 2 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी. इसमें गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 30 मिनट से 8 बजकर 45 मिनट के बीच रहेगा. इस समय में गोवर्धन पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी. व्यक्ति के हर काम बनते चले जाएंगे. गोवर्धन महाराज की कृपा से धन धान्य की वर्षा होगी. 

यह है गोवर्धन पूजा का महत्व (Govardhan Puja Importance)

गोवर्धन पूजा को हिंदू धर्म में बड़ा ही विशेष माना जाता है. शास्त्र और पुराणों में बताया गया है कि  इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपने उंगली पर उठाकर इंद्र देव के घमंड को चूर-चूर कर दिया था. इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा तो की ही जाती है, साथ ही यह त्योहार मानव और प्रकृति के बीच के संबंध को भी दर्शाता है. गोवर्धन की पूजा अर्चना और दान पुण्य से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. जीवन में पॉजिटिव बदलाव आते हैं. गोवर्धन महाराज की पूजा के साथ ही इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा आराधना करने से भक्त हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

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