Guru Chandal Yog 2024: गुरु और राहु की युति से बनेगा चांडाल योग, जानें लोगों पर कैसे होगा इसका असर

नितिन शर्मा | Updated:Jan 25, 2024, 08:46 AM IST

ज्यादातर ग्रह 27 से 30 दिन के बीच अपना स्थान बदल देते हैं. ऐसे में कई बार ग्रहों की चाल या फिर एक साथ एक ही नक्षत्र और राशि में दो ग्रह मिलने पर युति बन जाती है. इनका कुंडली से लेकर व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है. यह अलग अलग राशियों को प्रभावित करने के साथ ही अलग अलग योग बनाते है.

डीएनए हिंदी: सौर मंडल में ग्रहों का एक से दूसरी राशि में गोचर और परिवर्तन जारी रहता है. ज्यादातर ग्रह 27 से 30 दिन के बीच अपना स्थान बदल देते हैं. ऐसे में कई बार ग्रहों की चाल या फिर एक साथ एक ही नक्षत्र और राशि में दो ग्रह मिलने पर युति बन जाती है. इनका कुंडली से लेकर व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है. यह अलग अलग राशियों को प्रभावित करने के साथ ही अलग अलग योग बनाते हैं. इसबीच ही गुरु और राहु की युति होने जा रही है. इसकी वजह से गुरु चांडाल योग का निर्माण हो रहा है. इसकी वजह राहु के संपर्क में आने से गुरु यानी देव बृहस्पति का भी दूषित होना है. इनका सकारात्मक की जगह नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यह चांडाल प्रवृत्ति के हो जाते हैं. ऐसे में व्यक्ति के कर्म से लेकर उनके स्वास्थ्य पर अशुभ प्रभाव पड़ते हैं. आइए जानते हैं क्या है चांडाल योग. कब तक रहेगा और इसके अशुभ फल क्या हैं. 

एक साल तक बना रहता है चांडाल योग

गुरु बृहस्पति और राहु की एक साथ युति बनने की वजह से चांडाल योग बनता है. यह काफी लंबे समय तक रहता है. इसका प्रभाव 1 साल तक रह सकता है. जब भी सौरमंडल में गुरु और राहु की निकटता बढ़ जाती है. उस समय में नक्षत्र में दोनों ग्रह स्थित हो जाते हैं. ग्रहों का योही योग बहुत ही प्रभावशाली होकर चांडाल योग जन्म देता है. 
 
इस योग में जन्में लोगों पर पड़ता है असर

चांडाल योग का असर इस योग में पैदा होने वाले व्यक्ति पर पड़ता है. उसके स्वभाव से लेकर व्यक्तित्वि तक में बदलाव रहता है. चांडाल योग में जन्में लोग धर्म कर्म में ज्यादा विश्वास नहीं रखते हैं. वह धार्मिक और आस्था से दूर रहते हैं और खुद को सही साबित करने के लिए तमाम तर्क का सहारा लेते हैं. इनके स्वभाव में नास्तिकता होती है, लेकिन यह एक अच्छे दार्शनिक भी होते हैं. 

इस कल्चर को करते हैं फाॅलो

चांडाल योग में जन्में लोग वेस्टर्न कल्चर को ज्यादा फाॅलो करते हैं. यह बुरी आदतें और संगत के ज्यादा संपर्क तें रहते हैं. इसकी वजह से इनके पास मौजूद ज्ञान भी दूसरी जगहों पर ज्यादा लगता है. व्यक्ति गलत संगति में फंसकर अपने ज्ञान का भी गलत ही इस्तेमाल करता है. 

इन समस्याओं से रहते हैं परेशान

इस योग में जन्में लोगों को स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता है. यह पेट से लेकर लिवर जैसी समस्याओं से ग्रस्त रहते हैं. इन्हें सही और गलत में ज्यादा फर्क समझ नहीं आता है. यह बुरे कामों को करने में जरा भी सकोच नहीं करते हैं. ऐसे लोग नीति और नियमों की परवाह किये बिना अपने काम सिद्रध कर लेते हैं. इन लोगों को वैवाहिक और संतान सुख भी जल्द ही मिल जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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