Guru Nanak Jayanti 2022: गुरु पर्व आज, गतका प्रदर्शन के साथ निकलने लगे जुलूस

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 08, 2022, 10:24 AM IST

इस दिन मनाया जाएगा गुरु पर्व,

आज 8 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा को गुरु पर्व मनाया जा रहा है, इस दौरान गाजे-बाजे और गतका प्रदर्शन के साथ गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी निकलने लगी है.

डीएनए हिंदीः कार्तिक पूर्णिमा पर सिख धर्म का रोशनी का पर्व होता है, इस दिन गुरु नानक देव जयंती (Guru Nanak Dev Jayanti 2022) मनाई जाती है. इसे गुरु पर्व के नाम से भी जानते हैं. यह पर्व प्रकाशोत्सव के रूप में मनाया जाता है.  गुरु नानक देव जी का जन्म  1469 को तलवंडी ननकाना साहब में हुआ था, जो आज के दौर में पाकिस्तान में मौजूद है.

इस दिन धरती पर खुद भगवान ने जन्म लिया था. इस अवसर पर देश और दुनिया के सभी गुरुद्वार सजाए जाते हैं हर तरफ रोशनी होती है. इसके अलावा नगर कीर्तन किए जाते हैं और झांकियां निकाली जाती हैं. गुरु पर्व की खास रौनक पंजाब में देखने को मिलती है. गुरु पर्व के कई दिन पहले ही गुरुद्वारों में विशेष कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं. जगह जगह लंगर लगाया जाता है, गतका खेला (Gatka Traditional Martial Art) जाता है और कलाबाजियां दिखाई जाती हैं. 

गुरु नानक जयंती कब मनाई जाती है? (Gurunanak Dev Birth Anniversary Date 2022)

गुरु नानक देव जी का जन्म 553 साल पहले 15 अप्रैल 1469 को हुआ था, लेकिन हर साल गुरु नानक देव जयंती कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस पावन अवसर पर गुरू नानक देव जी की कुर्बानियों और उनकी शिक्षाओं को याद किया जाता है. इस बार गुरु नानक देव जी की जयंती  मंगलवार, 08 नवंबर को मनाया जाएगा.

जानें क्या होता है प्रकाश पर्व और क्या हैं इससे जुड़ी दस सीखें

ऐसे मनाया जाता है प्रकाश पर्व  (Guru Nanak Jayanti Celebrations) 

सिख धर्म में गुरु नानक जयंती को सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. गुरु नानक जयंती से दो दिन पहले यानि 48 घंटे पहले गुरुद्वारों में गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ शुरू किया जाता है और गुरु पर्व से एक दिन पहले यानी कार्तिक मास की चुतुर्दशी को नगर कीर्तन का आयोजन किया जाता है.

इस दौरान लोग गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी में रखकर कीर्तन करते हुए हाथ में निशान साहिब लेकर भ्रमण करते हैं. इसके अलावा इस दौरान सिख मार्शल आर्ट विशेषज्ञों द्वारा गतका प्रदर्शन किया जाता है. पर्व की शुरुआत प्रभात फेरी से होती है जिसके बाद कथा और कीर्तन होता है और फिर भंडारे का आयोजन किया जाता है. 

काशी की देव दीपावली क्यों है खास, भगवान शिव से है रिश्ता

यह है महत्व (Guru Nanak Jayanti Mahatva)

गुरु नानक जी का मन बचपन से ही सांसारिक कामों में नहीं लगता था ऐसे में नानक देव जी अपना ज्यादातर समय प्रभु की भक्ति में बिताया करते थे. भगवान के प्रति नानक जी के  समर्पण को देख लोग उन्हें दिव्य पुरुष कहकर बुलाने लगे थे. नानक देव जी कहते थे कि परम पिता परमेश्वर एक है, ना कोई हिंदू है और ना कोई मुसलमान सभी मनुष्य एक समान हैं. उनका मानना था कि हमेशा एक ईश्वर की उपासना करनी चाहिए, जिस व्यक्ति को खुद पर भरोसा नहीं है उसे कभी भी ईश्वर पर भी भरोसा नहीं हो सकता. आज के दौर में गुरु नानक जी की शिक्षा को व्यक्ति को अपने जीवन में जरूर ढालना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.