Guru Pradosh Vrat 2023: आज है आषाढ़ का गुरु प्रदोष व्रत, जानें पूजा शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Written By Aman Maheshwari | Updated: Jun 15, 2023, 07:40 AM IST

गुरु प्रदोष व्रत 2023

Ashadha Guru Pradosh Vrat 2023: आषाढ़ का यह प्रदोष व्रत गुरुवार के दिन पड़ रहा है ऐसे में यह गुरु प्रदोष व्रत होगा.

डीएनए हिंदीः धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2023) रखा जाता है. प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2023) पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है. प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2023) करने से भक्तों को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और शिव जी की कृपा से सभी दोष व कष्ट दूर हो जाते हैं. अब जून माह में आषाढ़ का पहला प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vrat 2023) आने वाला है.

आषाढ़ का यह प्रदोष व्रत गुरुवार (Ashadha Guru Pradosh Vrat 2023) के दिन पड़ रहा है ऐसे में यह गुरु प्रदोष व्रत होगा. गुरु प्रदोष का व्रत (Guru Pradosh Vrat 2023) करने से 100 गायों को दान करने के बराबर शुभ फल मिलता है. तो चलिए जानते हैं कि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2023) किस दिन रखा जाएगा.

आषाढ़ गुरु प्रदोष व्रत तिथि (Ashadha Guru Pradosh Vrat 2023 Date)
आषाढ़ माह के पहले प्रदोष व्रत की त्रयोदशी तिथि 15 जून को सुबह 8ः32 से शुरू हो रही है. जिसका समापन अगले दिन 16 जून 2023 को सुबह 8ः39 पर होगा. प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा सूर्यास्त के बाद की जाती है ऐसे में गुरु प्रदोष व्रत 15 जून को मनाया जाएगा. इस दिन शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 7ः23 से 9ः24 तक होगा.

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गुरु प्रदोष व्रत 2023 पूजा विधि (Guru Pradosh Vrat 2023 Puja Vidhi)
- गुरुवार के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होने के बाद साफ कपड़े पहनने के बाद भगवान शिव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
- भगवान शिव की पूजा के लिए शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर गाय के दूध से अभिषेक कराना चाहिए. शिवलिंग पर अभिषेक के बाद सफेद चंदन का लेप जरूर लगाए. 
- प्रदोष व्रत की पूजा में भगवान शिव को अक्षत, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी का पत्ता, सफेद फूल, शहद, भस्म, शक्कर आदि चीजें समर्पित करें.
- भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए पूजा के दौरान ''ओम नमः शिवाय'' का जाप करते हुए.
- पूजा के पश्चात शिव चालीसा और गुरु प्रदोष व्रत की कथा का श्रवण करें.
- व्रत होने के बाद अगले दिन सूर्योदय के बाद स्नान करने के बाद व्रत का पारण कर लें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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