Guru Purnima 2023: आज है गुरु पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त, गुरु पूजा का महत्व और पूजा विधि

Written By Aman Maheshwari | Updated: Jul 03, 2023, 05:42 AM IST

गुरु पूर्णिमा 2023

Guru Purnima 2023: हिंदू धर्म में गुरुओं को बहुत ही विशेष दर्जा दिया जाता है. गुरु ही शिष्य के जीवन से अंधकार को दूर करता है.

डीएनए हिंदीः आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2023) के रूप में मनाया जाता है. आषाढ़ पूर्णिमा (Ashadha Purnima 2023) के दिन वेद पुराणों के रचयिता वेदव्यास जी का जन्म हुआ था. इस पूर्णिमा पर व्यास जयंती (Guru Purnima 2023) भी मनाई जाती है. हिंदू धर्म में गुरुओं को बहुत ही विशेष दर्जा दिया जाता है. गुरु ही शिष्य के जीवन से अंधकार को दूर करता है. गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2023) के दिन पूजा-पाठ के साथ ही गुरुओं की सेवा करने से भी लाभ मिलता है. चलिए आज आपको गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2023) के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में बताते हैं.

गुरु पूर्णिमा 2023 तिथि (Guru Purnima 2023 Date)
गुरु पूर्णिमा आषाढ़ माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है. इस तिथि की शुरुआत 2 जुलाई 2023 की रात को 8 बजकर 21 मिनट पर हो रही है. जिसका समापन 3 जुलाई को शाम 5 बजकर 8 मिनट पर होगा. सूर्य उदयतिथि के अनुसार गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई को मनाई जाएगी.

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गुरु पूर्णिमा पूजा विधि (Guru Purnima 2023 Puja Vidhi)
गुरु पूर्णिमा का गुरुओं की पूजा के लिए विशेष महत्व होता है. गुरु पूर्णिमा पर सुबह सन्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनने के बाद घर के पूजा स्थल में भगवान की सभी प्रतिमा को प्रणाम करना चाहिए. भगवान की विधिवत पूजा करनी चाहिए. गुरु पूर्णिमा वेदव्यास की जयंती पर मनाई जाती है. इस दिन वेदों के रचयिता वेदव्यास को प्रमाण अवश्य करना चाहिए. आपको अपने गुरुओं का आशीर्वाद लेना चाहिए.

गुरु पूजा का महत्व (Guru Puja Importance)
- समाज में लोगों तक शैक्षिक ज्ञान, आध्यात्म एवं साधना को पहुंचाने में गुरुओं का बहुत अधिक योगदान रहा है. यह सभी गुरुओं ने ही समाज तक पहुंचाया है.
- गुरु पूर्णिमा का दिन गुरु पूजा के लिए बहुत ही खास होता है. इस दिन गुरु पूजन और दान करने से कुंडली से गुरु दोष और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
- ऐसा करने से व्यक्ति को नौकरी, करियर और व्यापार में भी तरक्की मिलती है.
- गुरु पूर्णिमा के दिन वेदव्यास जी की पूजा की जाती है. आप इस दिन अपने गुरुओं को सम्मान के साथ उपहार भेट कर उन्हें खुश कर सकते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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