डीएनए हिंदी: गुरु पुष्य नक्षत्र योग खरीदारी से लेकर निवेश के लिए अत्यंत शुभ होता है. इस योग में निवेश करने पर कई गुणा लाभ प्राप्त होता है. ज्योतिष की मानें तो इस समय में खरीदारी करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. व्यक्ति के जीवन में सुख और सौभाग्य की वृद्धि होती है. इसकी वजह इस नक्षत्र को राजा माना जाता है. गुरुवार के दिन इस नक्षत्र को बनने पर गुरु पुष्य नक्षत्र बनता है. साल 2023 समाप्त होने वाला है, लेकिन इस वर्ष में अभी एक और गुरु पुष्य नक्षत्र आने वाला है. आइए जानते हैं कि साल के अंतिम गुरु पुष्य नक्षत्र का योग, शुभ मुहूर्त और समय...
दिसंबर में इस दिन होगा गुरु पुष्य नक्षत्र
साल का आखिरी गुरु पुष्य नक्षत्र 29 दिसंबर 2023 को बन रहा है. इस नक्षत्र की शुरुआत 29 दिसंबर 2023 दिन गुरुवार को सुबह 3 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 30 दिसंबर की सुबह 3 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. यह नक्षत्र पूरे दिन रहेगा. इस नक्षत्र में गुरु बृहस्पित भगवान की पूजा अर्चना करने का विशेष लाभ प्राप्त होता है. भगवान की कृपा से सभी काम बनते चले जाते हैं.
इस योग से बढ़ जाता है और भी महत्व
29 दिसंबर को गुरु पुष्य योग के महत्व अमृत सिद्धि योग से और भी बढ़ जाता है. इन दोनों योग के साथ ही इस दिन त्रिपुष्कर योग का संयोग भी बन रहा है. यह पुष्य नक्षत्र योग के महत्व को बढ़ा देता है. इस योग में खरीदारी करने से लेकर निवेश करने तक से शुभ फल प्राप्त होते हैं. निवेश का कई गुणा प्राप्त होता है.
श्री सूक्त का पाठ करना होता है शुभ
गुरु पुष्य नक्षत्र में खरीदारी नहीं कर पाते हैं तो इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना जरूर करें. इससे माता रानी प्रसन्न होती हैं. अगर आप खरीदारी या निवेश नहीं कर पाते हैं तो श्री सूक्त का पाठ जरूर करें. इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है. जातक को माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. उसके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती. आर्थिक स्थिति में सुधार होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.