सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का (Makka) में हज यात्रा (Hajj Yatra) इस बार 14 जून से शुरू हो जाएगा. इसमें शामिल होने के लिए दुनियाभर से लाखों की संख्या में हज यात्री यहां पहुंचेंगे. बता दें कि आज यानी 7 जून से इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के आखिरी महीने की शुरुआत हो चुकी है. इस्लाम में इस महीने को हज के लिए भी जाना जाता है, इसी महीने हज यात्री सऊदी अरब पहुचते हैं. सऊदी की मीडिया के मुताबिक सऊदी अरब (Saudi Arabia) में गुरुवार को धू-अल-हिज्जा का चांद दिखा है.
हज यात्रा 2024 (Hajj Yatra 2024 Date)
धुल हिज्जा इस्लामिक कैलेंडर का अंतिम यानी 12वां महीना होता है और इसे महीने की 8वीं तारीख से हज यात्रा शुरू हो जाती है, जिसके बाद 10वीं तारीख को ईद अल-अज़हा यानी बकरीद का पर्व मनाया जाता है. ऐसे में हज को लेकर सऊदी में विशेष तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
यह भी पढ़ें: मुसलमानों के लिए क्यों जरुरी है हज? कौन सी रस्में की जाती हैं अदा, जानिए इससे जुड़ी सभी बातें
भारत में इस दिन हो सकती है बकरीद (Bakrid Kab Hai) 2024
जिल्काद के 29वें दिन चांद दिखने के बाद इस्लामिक कैलेंडर का आखिरी महीना धू-अल-हिज्जा की शुरुआत हो जाती है. उम्मीद है भारत में भी शुक्रवार को धू-अल-हिज्जा का चांद दिख सकता है. हालांकि अगर आज चांद नहीं दिखता है तो भारत में बकरीद 17 जून को मनाई जाएगी. और इससे
क्या है हज यात्रा का महत्व? (Hajj Significance)
बता दें कि इस्लाम में पांच स्तंभों का जिक्र किया गया है जिसमें हज, शहादा, नमाज, रोजा और जकात शामिल हैं. इस्लाम धर्म में हज यात्रा एक बेहद ही कठिन तीर्थयात्रा मानी गई है और इस यात्रा पर जाना जितना कठिन होता है उतना ही इसमें खर्चा भी आता है. मुस्लिम समुदाय की मान्याताओं के अनुसार हज यात्रा पर जाने वाले व्यक्ति को अपने सभी पापों से मुक्ति मिलती है और हाजी खुद को अल्लाह के करीब महसूस करता है.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.