Hanuman Jayanti 2024: इस कारण साल में दो बार मनाई जाती है हनुमान जयंती, बेहद रोचक है इसके पीछे की वजह

Aman Maheshwari | Updated:Apr 03, 2024, 06:40 AM IST

Hanuman Jayanti

Hanuman Jayanti Date: चैत्र माह की हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन हनुमान जी को जीवनदान मिला था.

Hanuman Jayanti 2024: प्रभु श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी को हिंदुओं के प्रमुख देवताओं में से एक हैं. हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से भक्तों के संकट दूर होते हैं उन्हें संकटमोचन भी कहते हैं. सप्ताह में मंगलवार का दिन विशेष रूप से हनुमान जी को समर्पित माना जाता है. इस दिन हनुमान जी की पूजा (Hanuman Ji Puja) करना अधिक शुभ माना जाता है.

हनुमान जी पूजा के लिए हनुमान जयंती का दिन (Hanuman Jayanti Date) भी विशेष होता है. इस दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. हालांकि हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है. अभी अप्रैल में चैत्र माह की पूर्णिमा को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti Kab Hai) है. चलिए आपको बताते हैं कि हनुमान जयंती साल में दो बार क्यों मनाई जाती है.


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हनुमान जयंती अप्रैल 2024

अप्रैल महीने में चैत्र माह की हनुमान जयंती मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को हनुमान जयंती मनाई जाती है जो इस बार 23 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार को पड़ रही है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से बड़े से बड़े संकट को दूर कर सकते हैं. इस साल हनुमान जयंती मंगलवार के दिन पड़ रही है जिससे महत्व और अधिक बढ़ गया है.

दो बार मनाई जाती है हनुमान जयंती

चैत्र माह की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के अलावा कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी हनुमान जयंती मनाई जाती है. मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक माह की हनुमान जयंती बजरंगबली के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है. वहीं, चैत्र माह में पड़ने वाली हनुमान जयंती को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है.


 

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क्यों मनाई जाती है चैत्र माह में हनुमान जयंती?

हनुमान जी के जन्म के बारे में वाल्मीकि रामायण में बताया गया है. उनका जन्म कार्तिक माह में हुआ था. चैत्र माह की हनुमान जयंती को लेकर यह कथा है कि, हनुमान जी को बचपन में जब भूख लगी तो वह सूर्य को फल समझकर निगलने की कोशिश करने लगे. इसके कारण पृथ्वी पर अंधेरा छा गया.

इंद्रदेव ने हनुमान जी को रोकने के लिए वज्र से प्रहार किया जिससे हनुमान जी मूर्छित हो गए. इससे पवनदेव क्रोधित हुए और पूरे ब्रह्मांड की प्राण वायु रोक दी. ब्रह्राजी ने पवनदेव को शांत कराते हुए हनुमान जी को जीवनदान दिया. इस दिन को भी हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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