डीएनए हिंदी: Hariyali Teej 2022- हिन्दू पंचांग में श्रावण मास को बहुत पवित्र माना गया है. सावन के महीने में भगवान शिव और उनके परिवार की उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. इस विशेष पर्व को हरियाली तीज या हरतालिका तीज के रूप में जाना जाता है. इस वर्ष यह व्रत 31 जुलाई (Hariyali Teej 2022 Date) को रखा जाएगा.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हरियाली तीज के ही दिन माता पार्वती ने कठोर तप किया था और इसी से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. यही कारण है कि इस दिन व्रत रखने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है. इस दिन को सुहागिन स्त्रियों के लिए विशेष माना जाता है. वह इसलिए क्योंकि जो महिला इस दिन सच्ची श्रद्धा से भगवान शिव और माता पार्वती (Lord Shiva and Mata Parvati Puja) की उपासना करती हैं उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है. आइए जानते हैं क्यों हरियाली तीज को माना जाता है महिलाओं के लिए विशेष?
सावन मास में सभी व्रत और त्योहारों का महत्व बढ़ जाता है. वहीं हरियाली तीज का दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होने के कारण इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है. मान्यता है कि इस दिन जो महिलाएं व्रत का पालन करती हैं उनके वैवाहिक जीवन से सभी अड़चने दूर हो जाती है और उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है. माना यह भी जाता है कि इस दिन पूजा करने से और व्रत रखने से जो कन्याएं योग्य वर की तलाश कर रही हैं उनकी मनोकामना पूर्ण होती है.
Hariyali Teej 2022: इस शुभ योग में करें माता पार्वती और महादेव की पूजा, घर आएगी सुख समृद्धि
हरियाली तीज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान-ध्यान करें. इस दिन नए वस्त्र और शृंगार धारण करें.
इसके बाद एक चौकी पर नया कपड़ा बिछाएं और उसपर भगवान शिव और माता पर्वती की प्रतिमा स्थापित करें.
माता पार्वती को सिंदूर, सुहाग, धूप, दीप, अक्षत, पुष्प, वस्त्र अर्पित करें.
जिन महिलाओं ने व्रत रखा है वे हरियाली तीज कथा का पाठ जरूर करें.
इसके बाद माता को चावल और बेसन की मिठाई का भोग लगाएं.
पूजा के बाद आरती अवश्य करें और प्रसाद वितरण करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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