डीएनए हिंदीः भारत में अनेकों ऐसे प्राचीन मंदिर है जो अद्भुत और अनोखी चीजों के लिए जाने जाते हैं. ऐसा ही एक मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा (Himachal Kangra) में स्थित है. इस मंदिर का नाम बाथू की लड़ी मंदिर (Bathu Ki Ladi Mandir) है. यह मंदिर पौंग डैम झील में बना के अंदर मौजूद है. झील के अंदर होने के कारण यह मंदिर पानी में डूबा रहता है. मंदिर साल के करीब 8 महीने पानी में रहता है और झील का पानी कम होने पर चार महीने के लिए बाहर आता है. इस दौरान यहां पर भक्तों की खूब भीड़ लगती हैं. आइये आपको इस मंदिर (Bathu Ki Ladi Mandir) की मान्यता और इसके इतिहास के बारे में बताते हैं.
पांडवों ने बनाया था बाथू की लड़ी मंदिर (Bathu Ki Ladi Mandir)
ऐसी मान्यता है कि बाथू की लड़ी मंदिर का निर्माण पांडवों ने कराया था. हालांकि स्थानीय लोग मानते हैं कि इस मंदिर को स्थानीय राजा ने बनवाया था. हिमाचल में मौजूद इस मंदिर में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान समय व्यतीत किया था. उन्होंने यहां पर स्वर्ग की सीढ़ी बनाने की भी कोशिश की थी. हालांकि वह इसमे सफल नहीं हो सके थे. पांडवों को स्वर्ग की सीढ़ी एक रात में बनानी थी. श्रीकृष्ण ने उनकी मदद के लिए 6 महीने की एक रात कर दी थी. उसके बाद भी वह स्वर्ग की सीढ़ीयां नहीं बना पाए थे. यहां पर आज भी स्वर्ग की ओर जाने वाली 40 सीढ़ी हैं.
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ऐसे पड़ा मंदिर का नाम
हिमाचल के इस मंदिर को बाथू की लड़ी मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर बाथू नाम के शक्तिशाली पत्थर से बना हुआ है यहीं वजह है कि इस मंदिर को बाथू की लड़ी मंदिर के नाम से जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर 11 मंदिर मौजूद थे लेकिन अब सिर्फ 8 मंदिर ही बचे हैं. इस मंदिर में कोई पुजारी भी नहीं रहता है. यहां भक्त खुद से ही भगवान की पूजा करते हैं. मंदिर में भगवान गणेश, काली और विष्णु की तस्वीरों को पत्थरों पर उकेरा गया है.
इन दिनों होते हैं इस मंदिर के दर्शन
यह मंदिर साल में 8 महीनों तक पानी में डूबा रहता है. इस मंदिर के दर्शन के लिए अप्रैल से जून तक का समय बहुत ही अच्छा है. इस समय आप मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. बाकि समय यह मंदिर पानी में रहता है. यहां जाने के लिए आप हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा तक जाएं. वहां से आप टैक्सी के जरिए जवाली या धमेता गांव जाकर यहां पहुंच सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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