डीएनए हिंदी: महाकालेश्वर मंदिर (Ujjain Mahakal Temple) को पृथ्वी का नाभिस्थल भी कहा जाता है क्योंकि इस मंदिर के शिखर से कर्क रेखा गुजरती है. उज्जैन में शिप्रा नदी (kshipra river) के तट पर स्थित महाकालेश्वर मंदिर की कीर्ति देश-विदेश में फैली हुई है. कोई भी शुभ कार्य करने से पहले श्रद्धालु महाकाल का दर्शन करते हैं. लेकिन ऐसा क्या है कि यहां कभी विक्रमादित्य (King Vikramditya) के बाद कोई राजा एक रात भी टिक नहीं पाया था. शिव महापुराण (Shiv Mahapuran) के अनुसार भगवान शिव ने महाकाल का रूप दूषण नामक दैत्य का वध करने के लिए लिया था, जिसके वध के बाद भगवान शिव को कालों का काल महाकाल कहा जाने लगा. सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर मंदिर में स्थापित ज्योतिर्लिंग तीसरा और बेहद खास ज्योतिर्लिंग है. उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में पूरे साल भक्त भगवान भोले नाथ का दर्शन करने आते हैं. विदेशों से भी लोग यहां बड़ी संख्या में महाकाल का दर्शन करने आते हैं.
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में साल के 12 मास भक्तों का तांता लगा रहता है. उज्जैन में मौजूद महकाल (Ujjain Mahakal Mandir) मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. इस मंदिर को पृथ्वी का नाभिस्थल भी कहा जाता है क्योंकि इस मंदिर के शिखर से कर्क रेखा गुजरती है.
Ujjain Mahakal की कब हुई थी स्थापना?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उज्जैन में स्थापित महाकालेश्वर मंदिर की स्थापना द्वापर युग में नंद जी की आठ पीढ़ी पहले हुई थी. पौराणिक कथाओं की मानें यह मंदिर 800 से 1000 वर्ष से भी पुराना है. इस मंदिर का विस्तार राजा विक्रमादित्य ने करवाया था जबकि आज का जो महाकाल मंदिर है उसका निर्माण 150 वर्ष पूर्व राणोजी सिंधिया के मुनीम रामचंद्र बाबा शेण बी ने करवाया था. इस मंदिर के निर्माण में मंदिर से जुड़े प्राचीन अवशेषों का भी प्रयोग किया गया है.
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उज्जैन में कोई भी राजा नहीं बिता सकता था एक भी रात
महाकाल को उज्जैन का राजा कहा जाता है ऐसे में उनके अलावा इस नगरी में कोई दूसरा शासक या राजा नहीं रुक सकता. पौराणिक कथाओं के अनुसार विक्रमादित्य के शासन के बाद यहां कोई भी राजा रात भर नहीं टिक सका, इस मंदिर का इतिहास है कि जिस व्यक्ति ने भी यह दुस्साहस किया है वह घिर कर मारा गया इसलिए आज भी कोई मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री उज्जैन में रात नहीं बिताते.
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महाकाल मंदिर से जुड़ी हैं खास बातें
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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