डीएनए हिंदी: होली का त्योहार आने में अब सिर्फ कुछ हफ्ते ही बाकी है. यह हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहार में से एक है. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है. वहीं इसके अगले दिन यानी चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि को रंग वाली होली खेली जाती है. होली के दहन के आठ दिन पहले ही होलाष्टक लग जाते हैं. इसबीच ही मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. होलाष्टक का समापन होलिका दहन के साथ ही हो जाता है. आइए जानते हैं इस बार कब से शुरू हो रहे हैं होलाष्टक और इसबीच किन कार्यों को करने से उठाना पड़ सकता है नुकसान...
इस दिन से शुरू होंगे होलाष्टक Holashtak 2023 Date and Time)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल होलिका दहन 7 मार्च 2023 को किया जाएगा. 8 मार्च रंग वाी होली खेली जाएगी. इस से ठीक आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाएंगे. ऐसे में 28 फरवरी से ही होलाष्टक शुरू हो जाएंगे और 7 मार्च तक रहेंगे. होलाष्टक लगने के बाद 8 दिनों तक कोई शुभ कार्य नहीं किए जाएंगे.
होलाष्टक में नहीं करने चाहिए ये काम (Holashtak 2023 Mistakes)
-होलाष्टक में कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं, जैसे शादी, बच्चों का मुंडन, नामकरण संस्कार आदि
-होलाष्टक के बीच घर बनाने से लेकर जमीन खरीदना और बेचना नहीं चाहिए.
-होलाष्टक के बीच नए घर में जाने से लेकर हवन, यज्ञ आदि नहीं करने चाहिए.
-होलाष्टक में सोने चांदी के गहने खरीदने या बेचने नहीं चाहिए.
जानिए होलाष्टक में क्यों नहीं करते हैं शुभ कार्य (Story Behing Holashtak)
पुराणिक मान्याओं के मुताबिक एक बार कामदेव ने भगवान भोलेनाथ की तपस्या भंग कर दी थी. इसी से नाराज होकर भोलेनाथ ने कामदेव को फाल्गुन अष्टमी के दिन भस्म कर दिया था. जब कामदेव की पत्नी रति ने शिवजी की उपासना की. इसी के बाद भगवान शिव ने कामदेव को फिर से प्राण दिए. कहते हैं कि तभी से होलाष्टक मनाने की परंपरा चली आ रही है. होलिका दहन के साथ ही होलाष्टक का अंत हो जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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