डीएनए हिंदी: इस साल 2023 में होली का पर्व (Holi 2023) 7 मार्च को मनाया जाएगा. 7 मार्च को होलिका दहन होगा और अगले दिन 8 मार्च को रंगों वाली होली यानी दुल्हड़ी (Dulhendi 2023) मनाई जाएगी. होली का त्योहार चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. होली से आठ दिन पहले से होलाष्टक (Holashtak 2023) लग जाते हैं. होलाष्टक (Holashtak 2023) में कई शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है. मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक (Holashtak 2023) के दिनों में सभी ग्रहों का स्वभाव उग्र हो जाता है. इन दिनों कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. होलाष्टक (Holashtak 2023) के दौरान शुभ कार्य करने से कार्य अधूरे रह जाते हैं और जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. तो चलिए जानते है कि होलाष्टक (Holashtak 2023) कब से शुरू हो रहे हैं और इस दौरान शुभ कार्य क्यों नहीं करने चाहिए.
होलाष्टक 2023 (Holashtak 2023)
होलाष्टक की शुरूआत होली से आठ दिन पहले हो जाती है. इस साल होली 7 मार्च को मनाई जाएगी इसलिए होलाष्टक की शुरूआत 28 फरवरी से होगी. होलाष्टक मंगलवार 28 फरवरी से 8 मार्च तक चलेगा. होलाष्टक के दौरान शादी विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. होलाष्टक में इन कार्यों को करने की मनाही होती है. हालांकि विशेष कार्यों की सिद्धि के लिए यह समय उचित होता है.
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होलाष्टक को इसलिए मानते हैं अशुभ (Know Why Holashtak Inauspicious)
- भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद से होलाष्टक की मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. प्रह्लाद राक्षसों के राजा हिरण्यकश्यप का बेटा था वह अपने पुत्र को भगवान विष्णु की भक्ति न करने के लिए कहता था, हालांकि प्रह्लाद ने भगवान विष्णु की भक्ति नहीं छोड़ी थी.
- प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका में की गोद में बैठाकर जलाने की कोशिश की थी हालांकि वह इसमें नाकाम हो गए थे. होलिका को न जलने का वरदान था लेकिन प्रह्लाद की भक्ति के कारण होलिका जल गई थी और प्रह्लाद बच गए थे.
- हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने के लिए होली से 8 दिन पहले से बहुत प्रताड़ित किया था. हालांकि भगवान विष्णु ने हर बार प्रह्लाद की रक्षा की थी.
- इन दिनों हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को बहुत यातनाएं दी थी इसी वजह से इस समय को अशुभ माना जाता है. इन्हीं दिनों को होलाष्टक कहते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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