Bad Effect of Planets: इन ग्रहों का खेल बिगाड़ता है अपनों से रिश्ता, जानिए

ऋतु सिंह | Updated:Jul 10, 2022, 02:55 PM IST

इन ग्रहों के कमजोर होने से बिगड़ते हैं अपनों से रिश्‍ते  

Planetary actions: ज्योतिष के अनुसार नवग्रहों का हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ता है. घर परिवार, नाते- रिश्तेदारों के साथ हमारे रिश्ते कैसे हैं यह भी ग्रहों की दशा तय करती है. ऐसे में हमें यह जानने की जरूरत है कि कौन सा रिश्ता किस ग्रह से संचालित होता है.

डीएनए हिंदी: ज्‍योतिष के अनुसार ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभाव का हमारे जीवन की सफलता या असफलता पर गहरा प्रभाव होता है. चाहे वह करियर हो, दांपत्‍य जीवन हो या फिर रुपया-पैसा, सभी पहलुओं पर ग्रहों का विशेष प्रभाव होता है. यहां तक कि घर-परिवार में पिता, पुत्र, माता और भाई-बहनों के साथ हमारे रिश्‍ते कैसे हैं यह भी ग्रहों की दशा ही तय करती है. तो चलिए आपको बताते हैं कि किस रिश्ते पर कौन से ग्रहदशा का क्या असर होता है. 

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पिता का रिश्‍ता
9 ग्रहों के परिवार के मुखिया सूर्य ही हमारे परिवार के मुखिया यानी हमारे पिता के कारक माने जाते हैं. कुंडली में सूर्य के मजबूत होने पर पिता-पुत्र या फिर पिता-पुत्री के संबंध बेहद सुखद रहते हैं. वहीं अगर सूर्य कमजोर होता है तो जातक के संबंध अपने पिता से खराब होने लगते हैं. कुंडली में सूर्य की स्थिति को मजबूत बनाए रखने के लिए हमें रोजाना सुबह जागने के बाद सूर्य को प्रणाम करना चाहिए और इसके स्‍नान के बाद सूर्य को अर्घ्‍य देना चाहिए.

 माता के साथ रिश्‍ता
मां के शीतल, सरल और ममतामयी स्‍वभाव के अनुरूप ही ज्‍योतिष में उनको शांति और शीतलता का प्रतीक माने जाने वाले चंद्रदेव से जोड़कर देखा जाता है. अर्थात मां के साथ हमारे रिश्‍ते का संचालन चंद्रमा यानी चंद्रदेव करते हैं. चंद्रमा के कुंडली में कमजोर होने पर व्‍यक्ति बीमार, अवसादग्रस्‍त हो जाता है और माता के साथ उसके संबंध अच्‍छे नहीं रह जाते हैं। चंद्रमा की दशा को सुधारने के लिए मां का सम्‍मान करें और उन्‍हें प्रसन्‍न रखें. मां के चरण छूकर ही घर से बाहर जाएं और लौटने के बाद भी आशीर्वाद लें.

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पत्नी के साथ रिश्‍ता
कहा जाता है कि पति- पत्नी का रिश्ता ऊपर से तय होता है. लेकिन क्‍या आपको पता है कि धरती पर इस रिश्‍ते को संभालने का काम शुक्र ग्रह करते हैं. शुक्र ग्रह के मजबूत होने से पति-पत्‍नी के संबंध मधुर होते हैं और दोनों में प्‍यार बना रहता है. शुक्र को मजबूत करने के लिए हर शुक्रवार को भगवान के लक्ष्‍मी-नारायण रूप की पूजा करनी चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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